भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों आर्थिक संकट के काले बादल छाए हुए है। कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुका है।
Gilgit-Baltistan :भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों आर्थिक संकट के काले बादल छाए हुए है। कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुका है। देश की हालत सुधारने के लिए पाकिस्तान को नया कर्ज लेना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान अब अपने करीबी दोस्त चीन से 19 हजार करोड़ रुपये का नया कर्ज लेने जा रहा है। इसके बदले उसे गिलगित और बाल्टिस्तान इलाकों को चीन के हवाले करना पड़ेगा। पाकिस्तान ने आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए यह कदम उठाने जा रहा है।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक से भी पाकिस्तान को 90 हजार करोड़ रुपये की मदद मिलने की कोई उम्मीद नहीं रह गई है। ऐसे में अब पाकिस्तान अपनी सरकारी संपत्तियों और इलाकों को गिरवी रख रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर (POK) के इलाकों को भी चीन को सौंप सकता है।
पाकिस्तान ने इस कदम को उठाने की पुख्ता कानूनी तैयारी कर ली है। पड़ोसी देश ने गिलगित, बाल्टिस्तान और POK के 52 कानूनों को अपने हाथ में ले लिया है। इन कानूनों के तहत पाकिस्तान सरकार को वहां की भूमि को किसी भी देश को लीज पर सौंपने का अधिकार मिल गया है। गिलगित और बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद खान ने पाकिस्तान सरकार पर 30 अरब रुपये की सहायता को मात्र 12 अरब रुपये करने का आरोप भी लगाया है।