रूस-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को लंबा खिचने की वजह से पूरी दुनिया में खाद्य संकट को लेकर नई बहस छिड़ गई है।दोनों देशों में चल रही जंग को 3 महीने से ज्यादा समय हो चुके है।
Global Good Crisis : रूस-यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध को लंबा खिचने की वजह से पूरी दुनिया में खाद्य संकट को लेकर नई बहस छिड़ गई है।दोनों देशों में चल रही जंग को 3 महीने से ज्यादा समय हो चुके है। इस लड़ाई में यूक्रेन तबाह हो रहा है। यूक्रेन और रूस दोनों ही खाद्यान्न का एक बड़ा हिस्सा एक्सपोर्ट करते हैं। रूस तो एक्सपोर्ट कर पा रहा है, लेकिन यूक्रेन के शिपमेंट्स को वो रोक रहा है।अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चिंतित है कि यूक्रेनी संघर्ष से पूरे दक्षिण में अकाल पड़ सकता है।
खासकर अफ्रीका में। ऐसा इसलिए है क्योंकि रूस और यूक्रेन दुनिया के लगभग 25 प्रतिशत गेहूं की आपूर्ति करते हैं। अफ्रीकी देश इन देशों से आयात पर निर्भर हैं। रूस इस संकट के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिम को दोषी ठहराता है जबकि वे सभी मास्को को दोष देते हैं, जिससे बहुत भ्रम पैदा हुआ है। खबरों के अनुसार,रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और तुर्की के विदेश मंत्री की बातचीत हुई। लावरोव ने कहा- ‘रूस और यूक्रेन की जंग का ग्लोबल फूड क्राइसिस से कोई लेना-देना नहीं है। पश्चिमी देश और खासतौर पर अमेरिका अफवाहें फैला रहे हैं।’ बता दें कि रूस और यूक्रेन अफ्रीका की जरूरत का 40% फूड एक्सपोर्ट करते हैं। जंग की वजह से यहां गेहूं के दाम इस साल 25 फीसदी तक बढ़ चुके हैं