जालसाज अनूप चौधरी की कलई खुलने के बाद उसकी एक के बाद एक करतूत सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी उसके जालसाजी के कारनामे उजागर हो रहे हैं। आरोपी खुद को रेलवे बोर्ड का सदस्य और कई मंत्रालयों का सलाहकार बताकर ठगी करता था।
लखनऊ। जालसाज अनूप चौधरी की कलई खुलने के बाद उसकी एक के बाद एक करतूत सामने आ रही है। उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में भी उसके जालसाजी के कारनामे उजागर हो रहे हैं। आरोपी खुद को रेलवे बोर्ड का सदस्य और कई मंत्रालयों का सलाहकार बताकर ठगी करता था। अब उसके प्रोटोकॉल की सुविधा लेने के मामले में शासन ने कड़ी नाराजगी जताई है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने सभी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीएम और जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं की रोकथाम के निर्देश दिए हैं।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि, प्रोटोकॉल संबंधी पत्रों का बिना परीक्षण किए शिष्टाचार एवं सुरक्षा संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने से शासन की छवि धूमिल होती है। कूटरचित भ्रमण कार्यक्रमों की बदौलत सुविधाएं देने के कई मामले सामने आए हैं, जो एक विषम एवं आपत्तिजनक स्थिति है। लिहाजा यह परीक्षण कर लिया जाए कि भ्रमण कार्यक्रम जारी करने वाले प्राधिकारी एवं फैक्स, ई-मेल आईडी का स्रोत क्या है। वह उप्र शासन द्वारा श्रेणीबद्ध संरक्षित महानुभाव है कि नहीं।
चार राज्यों में ले रहा था प्रोटोकॉल सुविधा
बताया जा रहा है कि, जालसाज अनूप चौधरी यूपी में ही नहीं इसके अलावा तीन और राज्यों में भी प्रोटोकॉल सुविधा ले रहा था। अब जांच में उसकी करतूत एक के बाद एक उजागर हो रही है। बताया जा रहा है कि, जांच में सामने आया कि, यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड में भी 2020 में प्रोटोकॉल की सुविधा ले रहा था। अयोध्या और काशी में तो वह कई बार भ्रमण कर चुका है, इस दौरान उसके इर्द-गिर्द आधा दर्जन सुरक्षाकर्मी रहते थे।