जीवन में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु के बिना ज्ञान और मुक्ति संभव नहीं है। जीवन के कठिन रास्तों पर चलने के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।
Guru Purnima 2022 : जीवन में गुरु का बहुत महत्व है। गुरु के बिना ज्ञान और मुक्ति संभव नहीं है। जीवन के कठिन रास्तों पर चलने के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार दुर्लभ लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए गुरु का मार्गदर्शन बहुत जरूरी है। सनातन धर्म में गुरु के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए एक विशेष दिन बनाया गया है। गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा की जाती है। प्राचीन परंपराओं के अनुसार इस पावन पर्व को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन तीर्थों और आश्रमों में भव्य आयोजन होते है । भक्त गण अपने गुरू की पूजा करते है और उत्सव मनाते है।
वेद व्यास जी का जन्म हुआ था
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) को बहुत ही पवित्र दिन माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान का दर्जा प्राप्त है। पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार, ईश्वर का साक्षात्कार करने के लिए लिए गुरु ही मार्गदर्शन करते है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि (Shukla Paksha of Ashadh month) को गुरु पूर्णिमा का पवित्र पर्व मनाया जाता है। इस तिथि को वेद व्यास जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन व्यास पूजा या व्यास जयंती भी मनाते हैं। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई दिन बुधवार को है।
गुरु पूर्णिमा 2022 तिथि
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 13 जुलाई को प्रात: 04:00 बजे हो रहा है और इसका समापन उसी दिन देर रात 12:06 बजे हो रहा है। उदया तिथि के आधार पर गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को मनाई जाएगी। इस साल गुरु पूर्णिमा पर त्रिग्रही योग सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह तीनों ही मिथुन राशि में विराजमान होने वाले हैं। मिथुन राशि में बनने वाला ये त्रिग्रही योग को बेहद शुभ माना जाता है।