भारत कृषि प्रधान देश है। आदिकाल से ही यहां उन्नत खेती होती आ रही है। खेती वर्षा जल पर निर्भर करती है। आषाढ़ माह की अमावस्या तक वर्षा होने लगती है।
Halharini Amavasya 2023 : भारत कृषि प्रधान देश है। आदिकाल से ही यहां उन्नत खेती होती आ रही है। खेती वर्षा जल पर निर्भर करती है। आषाढ़ माह की अमावस्या तक वर्षा होने लगती है। किसान के खेत वर्षा जल से सिंचित होने लगते है और खेतों में हल चलने लायक हो जाते है। यही कारण है कि आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या कहते हैं। इस तिथि पर किसान हल की पूजा करते हैं। खेतों में नई फसल के बीज रोपने के काम की शुरुआत करते हैं। पौधारोपण किया जाता है। किसानों के लिए यह बहुत शुभ दिन है। इसके साथ ही अमावस्या का दिन पितरों के तर्पण के लिए बहुत ही खास होता है।
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह अमावस्या 18 जून 2023 रविवार को रहेगी।
इस दिन गंगा स्नान करना भी बेहद शुभ होता है। अमावस्या तिथि के दिन गरीबों की मदद करना, दान-पुण्य करना भी काफी शुभकारी होता है।अमावस्या तिथि पर तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य देने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है।