संकट हरे मिटे सब पीरा ,ये लाइने हनुमान चालीसा की है। मान्यता है कि जो नर नारी सच्चे ह्रदय से हनुमान जी की सेवा पूजा करते है उनके सारे कष्टों को हनुमान जी हर लेते है।
Hanuman Bahuk : संकट हरे मिटे सब पीरा ,ये लाइने हनुमान चालीसा की है। मान्यता है कि जो नर नारी सच्चे ह्रदय से हनुमान जी की सेवा पूजा करते है उनके सारे कष्टों को हनुमान जी हर लेते है। हनुमान जी महादेव का अवतार माने जाते है।हनुमान जी को बजरंगबली, संकटमोचन जैसे नामों से जाना जाता है। पवनसुत , बजरंगबली ,मारुति नंदन जैसे नामों से भी हनुमान जी को याद किया जाता है।
हनुमान बाहुक
गोस्वामी तुलसीदास हनुमान जी के परम भक्त थे। एक बार कष्ट के समय गोस्वामी तुलसीदास ने भी हनुमान जी को याद किया था, भक्तिमय होकर उन्होंने उस समय हनुमान बाहुक नाम से एक रचना की थी। इससे प्रसन्न होकर संकटमोचन ने उनके सारे कष्ट हर लिए थे।
जानिए हनुमान बाहुक की महिमा के बारे में
हनुमान बाहुक का पाठ आज भी अचूक माना जाता है। मान्यता है कि इसे करने से शारीरिक कष्ट और असाध्य बीमारियां दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं, व्यक्ति के धन, संतान, नौकरी आदि जुड़े संकट भी दूर होते हैं। यहां जानिए हनुमान बाहुक की महिमा के बारे में।
शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है
हनुमान बाहुक का पाठ करने के लिए किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से शुभ मुहूर्त का पता कर लें, तभी से इस पाठ को आरंभ करें. किसी विशेष मंशा से करने के लिए ये स्तुति कम से कम 21 या 26 दिनों तक लगातार करें. स्तुति करते समय हनुमान जी के समक्ष एक पात्र में जल भरकर रखें और उसमें तुलसी का एक पत्ता डाल दें। पूजा संपन्न होने के बाद तुलसी के पत्ते को उसी पानी के साथ निगल जाएं। कहा जाता है कि ऐसा करने से गठिया, वात रोग, सिर दर्द, गले में दर्द, जोड़ों के दर्द आदि तमाम तरह के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।