हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना के महावीर मंदिर पर अपना दावा ठोककर अपने स्वामित्व का दावा किया है। इसके मालिकाना हक को लेकर हनुमानगढ़ी की ओर से एक महीने तक जगह-जगह हस्ताक्षर अभियान चलाया गया।
पटना। हनुमानगढ़ी अयोध्या ने पटना के महावीर मंदिर पर अपना दावा ठोककर अपने स्वामित्व का दावा किया है। इसके मालिकाना हक को लेकर हनुमानगढ़ी की ओर से एक महीने तक जगह-जगह हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। अब उस हस्ताक्षर अभियान को आधार बनाकर बिहार धार्मिक न्यास पर्षद को पत्र भेजकर मंदिर पर अपने स्वामित्व का दावा किया है। महावीर मंदिर न्यास समिति ने शुक्रवार को पटना में प्रेस वार्ता कर मामले में अपना पक्ष रखा है।
आचार्य कुणाल ने इस मामले पर कहा कि अयोध्या में महावीर मंदिर की ओर से संचालित हो रही राम रसोई की ख्याति हाल के दिनों में देश भर में फैली है। साथ ही, राम मंदिर के निर्माण में न्यास समिति की ओर से प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपये की सहयोग राशि का संकल्प है और यह राशि दी जा चुकी है। इन सबके साथ-साथ केसरिया में विराट रामायण मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही पटना में पांच विशाल अस्पतालों के निर्माण एवं सुव्यवस्था के कारण लोकप्रियता को लेकर महावीर मंदिर हनुमानगढ़ी के कुछ लोगों की आंखों की किरकिरी बन गया है।
मामले में बिहार धार्मिक न्यास पर्षद ने अबतक कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन महावीर मंदिर न्यास समिति ने हनुमानगढ़ी के दावे को बेबुनियाद और निराधार बताया है। आपको बता दें कि आचार्य किशोर कुणाल ने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान 15 अप्रैल, 1948 को पटना उच्च न्यायालय की खण्डपीठ के एक महत्त्वपूर्ण निर्णय और इस तथ्य का का हवाला भी दिया, जिसमें महावीर मंदिर को सार्वजनिक मंदिर घोषित किया गया है।