भारत में AY.4.2 नामक कोरोना का नए वेरिएंट सामने आया है। इसके बाद से सरकार के साथ-साथ लोगों की चिंता भी एक बार फिर से बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार की नजर इस मामले पर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हर स्तर से इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (NCDC ) की टीमों पर विभिन्न प्रकारों का अध्ययन और विश्लेषण का जिम्मा है।
नई दिल्ली। भारत में AY.4.2 नामक कोरोना का नए वेरिएंट सामने आया है। इसके बाद से सरकार के साथ-साथ लोगों की चिंता भी एक बार फिर से बढ़ा दी है। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सरकार की नजर इस मामले पर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि हर स्तर से इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नेशनल सेंटर फार डिजीज कंट्रोल (NCDC ) की टीमों पर विभिन्न प्रकारों का अध्ययन और विश्लेषण का जिम्मा है।
कोवैक्सिन की मंजूरी पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि डब्ल्यूएचओ (WHO) की एक प्रणाली है, जिसमें एक तकनीकी समिति होती है। जिसने कोवाक्सिन (Covaxin) को मंजूरी दे दी है जबकि दूसरी समिति की आज बैठक हो रही है। कोवाक्सिन (Covaxin) की मंजूरी आज की बैठक के आधार पर दी जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ (Prime Minister Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission) के तहत सभी स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं से युक्त दो कंटेनर स्थापित किया जाएंगे, जिन्हें आपात स्थिति में एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकेगा। मांडविया ने बताया कि हर कंटेनर में 200 बिस्तरों की क्षमता होगी और इन्हें दिल्ली एवं चेन्नई में स्थापित किया जाएगा। इन कंटेनर को आपात स्थिति में हवाई मार्ग से या ट्रेन के जरिए ले जाया जा सकता है।
उन्होंने कहा केंद्र सरकार ने स्वास्थ्यसेवा के क्षेत्र के प्रति ‘प्रतीकात्मक’ नहीं, बल्कि ‘समग्र’ दृष्टिकोण अपनाया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) ने स्वास्थ्य सेवा संबंधी बुनियादी ढांचे में सुधार करने का अवसर दिया है । इसके लिए 64,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ‘प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन’ (Prime Minister Ayushman Bharat Health Infrastructure Mission) की शुरुआत की गई।