हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख के ऐलान के बाद वहां पर सियासी सरगर्मी बढ़ती हुई है। सभी राजनीति पार्टियों ने अपनी वहां पर ताकत झोंक दी है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यहां लड़ाई दिख रही है। बीते 3 दशक से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस बीच सत्ता का खेल यहां चल रहा है। हालांकि, इस बार भाजपा यह चक्र तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
Himachal Pradesh Election 2022: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 की तारीख के ऐलान के बाद वहां पर सियासी सरगर्मी बढ़ती हुई है। सभी राजनीति पार्टियों ने अपनी वहां पर ताकत झोंक दी है। भाजपा और कांग्रेस के बीच यहां लड़ाई दिख रही है। बीते 3 दशक से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस बीच सत्ता का खेल यहां चल रहा है। हालांकि, इस बार भाजपा यह चक्र तोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है।
लेकिन सियासी गतिविधियों के लिहाज से पहाड़ी राज्य की जयराम ठाकुर सरकार चुनावी मुद्दों से ज्यादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भरोसा करती नजर आ रही है। दरअसल, भाजपा ने 11 मौजूदा विधायकों के टिकट को इस बार काट दिया है।
कहा जा रहा है कि सत्ता विरोधी लहर को देखते हुए भाजपा ने ये कदम उठाया है। वहीं, चुनावी माहौल बनते ही पीएम मोदी और सीएम ठाकुर हिमाचल प्रदेश में जुट गए थे। पीएम मोदी लगातार राज्य के दौरे कर रहे हैं। वह, अक्टूबर में दो बार राज्य में पहुंचे और कई विकास परियोजनाओं का ऐलान किया।
कांग्रेस ने भी झोंकी ताकत
हिमाचल चुनाव को लेकर कांग्रेस भी सक्रिय हो गई है। कांग्रेस ने सितंबर में ही घोषणापत्र जारी कर दिया था। इसकी 10 चुनावी गारंटी में मुफ्त बिजली, 18-60 आयुवर्ग की महिलाओं को 1500 रुपये का भत्ता, पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली, 2 रुपये प्रति किलो गाय के गोबर की खरीदी की बात शामिल थी। वहीं, आप हिमाचल में सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन योजना की बहाली की बात कर रहे हैं।