Hindenburg Row : अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडगनबर्ग की रिपोर्ट (American research agency Hindenburg Report) आने के बाद अदाणी समूह (Adani Group) के शेयर गोता लगा रहे हैं। दुनिया के दूसरे के नंबर को अरबपति अब फिसल कर 17 वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इसको लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है।
Hindenburg Row : अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडगनबर्ग की रिपोर्ट (American research agency Hindenburg Report) आने के बाद अदाणी समूह (Adani Group) के शेयर गोता लगा रहे हैं। दुनिया के दूसरे के नंबर को अरबपति अब फिसल कर 17 वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इसको लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है।
कांग्रेस (Congress) पार्टी ने रविवार को केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी गहरी चुप्पी से मिलीभगत की बू आ रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) द्वारा हाल ही में गौतम अदाणी (Adani Group) के अगुवाई वाले समूह पर लेनदेन में धोखाधड़ी और शेयर मूल्यों में हेरफेर सहित कई आरोप लगाए गए हैं। इसके बाद से अदाणी समूह (Adani Group) के शेयरों में लगातार गिरावट देखने मिली है।
अडानी समूह पर लगे धोखाधड़ी के आरोपों पर मोदी सरकार खामोश है, जो इस मामले में सरकार की मिलीभगत की ओर एक इशारा है।
आज से इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी PM मोदी से हर दिन तीन सवाल पूछेगी।
उम्मीद है, अपनी जिम्मेदारी समझते हुए PM इनके जवाब जरूर देंगे।
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हमारे आज के सवाल – pic.twitter.com/ua3VY9n52C
— Congress (@INCIndia) February 5, 2023
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश (Senior Congress leader Jairam Ramesh) ने एक बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर आज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से एक दिन में तीन सवाल पूछेगी। उन्होंने कहा कि अदाणी समूह (Adani Group) के खिलाफ आरोपों को बीच मोदी सरकार ने गहरी चुप्पी साध रखी है, जिससे इसमें मिलीभगत की बू आ रही है।
सवाल 3.
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यह कैसे मुमकिन है कि अडानी समूह गंभीर आरोपों के बावजूद जांच से बचा हुआ है?
क्या अडानी समूह उस व्यवस्था के लिए जरूरी था जिसे आपके भ्रष्टाचार विरोधी बयानों से फायदा मिला है?
— Congress (@INCIndia) February 5, 2023
रमेश ने कहा कि 4 अप्रैल 2016 को पनामा पेपर्स के खुलासे (Panama Papers revelations) के जवाब में वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि मोदी ने व्यक्तिगत रूप से कई एजेंसियों के एक समूह को निर्देश दिया था कि वह विदेशी टैक्स पनाहगाहों से आने-जाने वाले वित्तीय प्रवाह की निगरानी करे।
इसके बाद 5 सितंबर 2016 को चीन के हांगझोउ में जी-20 शिखर सम्मेलन में आपने (Modi) कहा था, हमें आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने, धन शोधन करने वालों का पता लगाने और उन्हें बिना शर्त प्रत्यर्पित करने, जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों और अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता के जाल को तोड़ने की आवश्यकता है, जो भ्रष्टाचारियों के कारनामों को छिपाते हैं। इससे कुछ सवाल उठते हैं, जिन्हें आप और आपकी सरकार एचएएचके (हम अदाणी के हैं कौन) कहकर नहीं छिपा सकते।
रमेश ने सवाल उठाते हुए कहा कि गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी का नाम पनामा पेपर्स और पेंडोरा पेपर्स में ऐसे व्यक्ति के रूप में था, जो बहामास और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में ऑफशोर संस्थाओं का संचालन करता है। उन पर विदेशी शेल इकाइयों के जरिए स्टॉक हेराफेरी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है। आपने भ्रष्टाचार से लड़ने में अपनी ईमानदारी और इरादे के बारे में अक्सर बात की है और यहां तक कि देश को नोटबंदी की भारी कीमत चुकानी पड़ी है।