हिंदू धर्म में नव संवत्सर का को बहुत ही पवित्र माना जाता है। नव संवत्सर के इस विशेष दिन लोग धार्मिक कार्यक्रम कर नव वर्ष के आगमन का स्वागत करते है।
Hindu Nav Varsh 2022 : हिंदू धर्म में नव संवत्सर का को बहुत ही पवित्र माना जाता है। नव संवत्सर के इस विशेष दिन लोग धार्मिक कार्यक्रम कर नव वर्ष के आगमन का स्वागत करते है। हिंदू पंचांग में नव संवत्सर से ही वर्ष आरंभ की गणना की जाती है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इसी दिन सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना प्रारम्भ की थी,हिंदू पंचांग के अनुसार,चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार दिनांक 2 अप्रैल 2022 से हिंदू नव संवत्सर प्रारंभ होगा।
शनि की सत्ता रहेगी
इस बार संवत्सर का नाम नल रहेगा। मान्यता के अनुसार नवसंवत्सर 2079 के राजा शनि और मंत्री बृहस्पति है।अन्य मंत्रिमंडल मंत्री बृहस्पति, सस्येश सूर्य, मेधेश बुध, दुर्गेश बुध, धनेश शनि, रसेश मंगल, धान्येश शुक्र, निरसेश शनि और फलेश मंगल होंगे। इस संवत्सर में शनि की सत्ता रहेगी। इस दिन पूरे देश में त्योहार मनाया जाता है।
ज्योतिष गणना के अनुसार,इस बार ग्रह मंडल में चार स्थान सौम्य ग्रहों को प्राप्त हुए हैं। छह स्थान क्रूर ग्रहों को प्राप्त हुए हैं। वर्ष का फल मध्यम रहेगा। प्रजा में अशांति का वातावरण बनेगा। राक्षस नाम संवत्सर में फसलों की हानि, रोग से कष्ट, महंगाई, भय का वातावरण, पीड़ा तथा जनहानि होती है। लोग राक्षसी क्रिया में लगे रहें। वृष्टि व सस्य मध्यम होंगे।