होली का आध्यात्मिक महत्व भी है। इस पर्व को नव संवत्सर का आगमन तथा बसंत के उपलक्ष्य में किया हुआ यज्ञ भी माना जाता है।
Holi 2022 : होली का आध्यात्मिक महत्व भी है। इस पर्व को नव संवत्सर का आगमन तथा बसंत के उपलक्ष्य में किया हुआ यज्ञ भी माना जाता है। कुछ लोग इस पर्व को अग्नि देव का पूजन मात्र मानते हैं। मनु का जन्म भी इसी दिन का माना जाता है अत: इसे मन्वादि तिथि भी कहा जाता है। हर साल होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि पर किया जाता है और फिर इसके अगले दिन होली खेलने की परंपरा है।।इस साल 18 मार्च 2022, शुक्रवार को रंगों का यह पर्व मनाया जाएगा। होलिका दहन 17 मार्च की रात को होगा। मान्यता है कि होली के शुभ अवसर पर कुछ विशेष उपाय करने से कई प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। आइये जानते है ये उपाय।
1.दांपत्य जीवन में शांति के लिए होली की रात उत्तर दिशा में एक पाट पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर मूंग, चने की दाल, चावल, गेहूं, मसूर, काले उड़द एवं तिल के ढेर पर नवग्रह यंत्र स्थापित करें। इसके बाद केसर का तिलक कर घी का दीपक जलाकर पूजन करें।
2.होलिका दहन के बाद कई लोग अपने घर राख ले आते हैं। ये राख कई तरह के दोषों का निवारण करने के लिए काफी उपयोगी है।
3.होली दहन के दूसरे दिन होली की राख को घर लाकर उसमें थोडी सी राई और खड़ा नमक मिलाकर किसी बर्तन में रख लें। ये बर्तन घर में किसी सुरक्षित जगह रखें। इस उपाय से नजर दोष और बुरे समय से मुक्ति मिल सकती है। पैसों की तंगी दूर होती है।