फाल्गुन लगते ही गांवों की चौपालों में फगुआ गाने वालों की टोली ताल पे ताल मिलाती है। ये परंपरा सदियों पुरानी है। हिंदू धर्म में होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।
Holi 2022 : फाल्गुन लगते ही गांवों की चौपालों में फगुआ गाने वालों की टोली ताल पे ताल मिलाती है। ये परंपरा सदियों पुरानी है। हिंदू धर्म में होली का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। देश में होली का उत्सव पखवारे भर से अधिक समय तक पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। रगों के इस उत्सव में लोग एक दूसरे गले मिलते है और अबीर गुलाल लगाते है। एक दूसरे को शुभकामनाएं देते है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार,मान्यता है कि होली का पर्व भक्त प्रहलाद की भक्ति और भगवान द्वारा की गई उसकी प्राण रक्षा की खुशी के रूप में मनाया जाता है। इस साल की बात करें तो 18 मार्च 2022, शुक्रवार को रंगों का यह पर्व मनाया जाएगा। होलिका दहन 17 मार्च की रात को होगा।
होलिका दहन
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक मान्य है। ऐसे में होलिका दहन 17 मार्च दिन गुरुवार को होगी।