सनातन धर्म में होली का त्योहार खुशियों भरा उत्सव है। रंग, अबीर ,गुलाल और पकवान के साथ मनाए जाने वाले इस त्योहार का इंतजार बच्चे ,युवा और वृद्ध सभी करते है।
Holi 2023 Date : सनातन धर्म में होली का त्योहार खुशियों भरा उत्सव है। रंग, अबीर ,गुलाल और पकवान के साथ मनाए जाने वाले इस त्योहार का इंतजार बच्चे ,युवा और वृद्ध सभी करते है। धूम- धड़ाका और हंसी- खुशी के साथ मिलने जुलने वाले इस त्योहार को कई दिनों तक मनाया जाता है। होली का त्योहार मनाने के पीछे मान्यता है कि बुराइयों का दहन कर अच्छाइयों के विजय का जश्न मनाया जाता है। पूरा भारत इस त्योहार को मनाता है। यह रंगों का त्योहार है।हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली मनाई जाती है। साल 2023 में रंगों का त्योहार होली 8 मार्च 2023 को पड़ रहा है।
प्रह्लाद भगवान का भक्त था
हम होली इसलिए मनाते हैं क्योंकि इसकी कथा के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस राजा था। वह घमंड में चूर होकर अपने को भगवान मानने लगा था। हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में केवल भगवान का नाम लेने पर प्रतिबंध लगा दिया था और खुद को भगवान मानने लगा था। लेकिन हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रह्लाद भगवान का भक्त था। और उसी हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि में भस्म न होने का वरदान प्राप्त था। एक बार हिरण्यकश्यप ने होलिका को प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने का आदेश दिया। लेकिन होलिका आग में बैठते ही जल गई और प्रहलाद बच गया। तभी से भगवान के भक्त प्रहलाद की याद में होलिका दहन की शुरुआत की जाने लगी।
पूरी दुनिया में होली सिर्फ एक दिन मनाई जाती है, लेकिन ब्रज में फाल्गुन आते ही हवा में अबीर, गुलाल उड़ने लगते हैं। 26 जनवरी को बसंत पंचमी के साथ ही मथुरा-वृंदावन समेत पूरे ब्रज मंडल में भव्य रंगोत्सव प्रारंभ हो गया है।