होली के त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। पखवाड़े भर से अधिक दिनों तक चलने वाला यह त्योहार भाईचारे का संदेश देता है।
Holi Vastu Tips : होली के त्योहार बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। पखवाड़े भर से अधिक दिनों तक चलने वाला यह त्योहार भाईचारे का संदेश देता है। देश भर होली खेलने के बाद होली मिलन की परंपरा है। त्योहार की शुभकामनाएं देने के लिए लोग एक दूसरे के घर जाते है। ऐसे में हमारे घर का वास्तु बहुत मायने रखता है। होली के त्योहार पर घर का वास्तु ऐसा होना चाहिए जो पॉजिटिव एनर्जी को आकर्षित करें और नेगेटिव एनर्जी को बाहर करे। वास्तु विशेषज्ञों की मानें तो मेहमानों को ठंडई पिलाने से पहले सुख-समृद्धि के दाता भगवान गणेश को ठंडई का भोग लगाएं।
1.वास्तु के अनुसार, होलिका दहन किसी नगर, शहर या मोहल्ले के साउथ ईस्ट में किया जाना चाहिए।
2.वास्तु के अनुसार सफेद रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। क्योंकि यह रंग चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है। इससे शीतलता और विनम्रता बढ़ती है।
3.होलिका पूजन अपने घर में कर रहे हैं तो उसे अपने पूजा स्थान में करने की बजाय किसी खुले आंगन या खुले स्थान में करें।
4.अगर आपके घर की ध्वजा पुरानी हो गई है या उसका रंग उड़ गया है तो होली का दिन इस ध्वजा को बदलने के लिए काफी अच्छा रहता है।
5.रंगों का चयन करते समय भी वास्तु की पॉजिटिव दिशा यानी पूर्व व उत्तर दिशा से मिलते जुलते रंगों का ही प्रयोग करना चाहिए।
6.ऑरेंज कलर पूर्व दिशा के मध्य का रंग है, यह सूर्य का प्रतीक है। इसी तरह लाल रंग अग्नि देवता व साउथ ईस्ट का कलर है।
7.बुध का रंग हरा होता है, जिसका प्रयोग होली में किया जा सकता है। यह प्रकृति को दर्शाता है।