फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन मनाया जाता है। होलिका दहन को लेकर अनेको कथाएं प्रचलित है।
Holika Dahan 2022 : फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन मनाया जाता है। होलिका दहन को लेकर अनेको कथाएं प्रचलित है। इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। होली का त्योहार विष्णु भक्त प्रह्रलाद, हिरण्यकश्यप और होलिका की कथा से जुड़ी हुई है। होली फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के अगले दिन मनाई जाती है।मान्यता के अनुसार, होलिका दहन की रात को खास रूप से हनुमान जी (Lord Hanuman) की पूजा की जाती है। मान्यता है कि, होली के दिन हनुमान जी की पूजा अगर पूरी श्रद्धा से की जाए तो हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
होलिका दहन इस बार 17 मार्च को और होली 18 मार्च को मनाई जाएगी। वही होली से 8 दिन पहले यानि 10 मार्च से होलाष्टक लग जाएगा। इस बार 17 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 9:20 से शुरू होगा और रात 10:31 मिनट तक रहेगा। यानी होलिका दहन के लिए कुल मिलाकर एक घंटा 10 मिनट का समय मिलेगा।
आपको बता दें कि होलाष्टक के दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते हैं। धर्म क्षेत्र व्रज में तो पूरे एक पखवारे तक होली की बयार बहती है। प्राचीन परंपराओं के अनुसार फाल्गुन मास शुरू होते ही गांवों की चौपालों पर फगुवा की धुन सुनाई देने लगती है।