कोरोना संक्रमण से उबर रहे मरीजों में अकसर ब्लैक फंगस की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे कई मरीज सामने आए हैं, जो कोरोना से तो उबर गए, लेकिन ब्लैक फंगस का शिकार होने के चलते जान गंवानी पड़ी है। इनके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें इस संक्रमण के चलते आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी है।
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से उबर रहे मरीजों में अकसर ब्लैक फंगस की समस्या देखने को मिल रही है। ऐसे कई मरीज सामने आए हैं, जो कोरोना से तो उबर गए, लेकिन ब्लैक फंगस का शिकार होने के चलते जान गंवानी पड़ी है। इनके अलावा कई ऐसे लोग भी हैं, जिन्हें इस संक्रमण के चलते आंखों की रोशनी गंवानी पड़ी है। राजस्थान सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर दिया है। इस बीच केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस की पहचान, उससे बचाव और इलाज को लेकर गाइडलाइंस जारी की है।
ऐसे लोगों को है ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा
– अनियंत्रित डायबिटीज के मरीजों और कोरोना संक्रमण से इलाज के दौरान स्टेरॉयड का सवाल करने वाले लोगों को इस समस्या का ज्यादा सामना करना पड़ता है।
– ऑक्सीजन पर रहने वाले कोरोना मरीज। इसके अलावा सांस संबंधी बीमारियों और एंटी कैंसर ट्रीटमेंट ले रहे लोगों को यह समस्या होती है।
– स्टेरॉयड की हाई डोज लेने वाले लोगों को भी ब्लैक फंगस का खतरा रहता है।
कैसे पता लगाएं कि ब्लैक फंगस का हुए शिकार?
– नाक से खून आना या फिर काला सा कुछ पदार्थ निकलना।
– नाक बंद होना, सिर दर्द होना या फिर आंखों में जलन और दर्द होना। आंखों के आसपास सूजन होना। डबल विजन, आंखें लाल होना, दृष्टि कमजोर होना, आंखें बंद करने में परेशानी होना, आंखें खोलने में दिक्कत होना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
– दांतों में दर्द हो, चबाने में कष्ट हो या फिर उल्टी और खांसने में खून आए।
ब्लैक फंगस का शिकार होने पर क्या करें?
– तुरंत किसी नाक, कान और गला रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। इसके अलावा किसी असामान्य बीमारी का इलाज करने वाले डॉक्टर से बात करें।
– नियमित इलाज कराएं और उसका फॉलोअप लें। डायबिटीज के मरीज हैं तो फिर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का प्रयास करें और उसकी मॉनिटरिंग करते रहें।
– किसी अन्य गंभीर बीमारी के भी शिकार हैं तो लगातार दवा लें और डॉक्टर के संपर्क में रहें।
– स्टेरॉयड की कोई दवा खुद से न लें। ऐसी दवा लेना भारी पड़ सकता है।