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महाकुंभ भगदड़ में सैकड़ों लोग लापता : हॉस्पिटल और खोया-पाया केंद्र पहुंचे परिजन, प्रशासन की बेरुखी से टूटता सब्र का बांध

प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में मरने वालों और घायलों को महाकुंभ के दो अस्पतालों में पहुंचाया गया है। महाकुंभ में सैकड़ों लापता लोगों को ढूंढने के लिए उनके परिजन पहुंचे हैं। किसी का बेटा, पत्नी , मां तो किसी का रिश्तेदार लापता है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ में बड़ी संख्या में लोग अपनों से बिछड़ गए हैं। दरअसल, संगम पर मौजूद श्रद्धालु जान बचाने के लिए इधर-उधर भागे। कुछ लोग बिजली के खंभों पर चढ़ गए, कुछ लोग ठेलियों के नीचे छिप गए। भगदड़ में मरने वालों और घायलों को महाकुंभ के दो अस्पतालों में पहुंचाया गया है।

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यहां लापता लोगों को ढूंढने के लिए उनके परिजन पहुंचे हैं। किसी का बेटा तो किसी का रिश्तेदार लापता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय परिवार ने सेंट्रल हॉस्पिटल और खोया-पाया केंद्र पहुंचकर पीड़ित परिजनों से बात करके उनका दर्द जाना।

देवरिया जिले से आए शख्स ने बताया कि वह संगम में नहाने जा रहे थे, बहुत भीड़ थी। कपड़े उतार दिए थे। एकाएक शोर हो गया, इतने में उन्होंने पीछे मुड़कर देखा तो उनकी पत्नी पूनम देवी गायब हो गई। काफी ढूढने के बाद भी वह नहीं मिली।

वहीं बिहार जमुई जिले से आई महिला ने बताया कि वह संगम में नहा चुके थे। तभी भगदड़ मच गई और उनकी लखीसराय जिले की निवासी 52 साल की नानी रेखा देवी गायब हो गई। उन्होंने कहा कि वह 12 बजे रात से ही अपनी नानी को ढूंढ रही हैं। जब तक वह नहीं मिलेंगी वह घर नहीं जाएंगी। भगदड़ के समय का आंखों देखा हाल बताते हुए उन्होंने कि उस वक्त सिर्फ एंबुलेंस का का शोर सुनाई दे रहा था। चारों तरफ कोहराम मचा हुआ था।

वहीं बिहार के वैशाली जिले से आए युवक का कहना है वह रात के 2 बजे संगम में नहाने की तैयारी कर रहे थे, तभी भगदड़ में मां चंद्र किरन देवी गायब हो गईं। जिसे वह खोजने में जुटे हैं, लेकिन कहीं भी उनका पता नहीं लग रहा है।

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नालन्दा, बिहार की मीना ने बताया कि भगदड़ में हमारा सामान खो गया है। अभी तो हम लोग नहा भी नहीं पाए थे। इस दौरान धक्का लगा और मारामारी मच गई। लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए। हम तीन लोग स्नान करने आए थे। हमारी भाभी को चोट आई हैं, वो एडमिट हैं। भगदड़ में हमारा सामान वहीं खो गया। हम जैसे तैसे अपनी जान बचाकर भागे हैं।

पति को ढूंढते खोया-पाया केंद्र पहुंची

खोया-पाया केंद्र सेक्टर-4 पर तड़के 4 बजे बिहार की एक महिला मिलीं। इन्होंने बताया कि भगदड़ में पति खो गए हैं। उन्हें ढूंढती हुई यहां पर आई हूं, लेकिन कुछ पता नहीं चल पा रहा है। खोया पाया केंद्र पर बड़ी संख्या में लोग अपनों का पता लगाने के लिए पहुंचे हैं। वो अपना मोबाइल नंबर नोट करवा रहे हैं, ताकि लापता लोगों के बारे में कुछ इन्फॉर्मेशन मिल सके।

पिताजी को ढूंढते हॉस्पिटल पहुंची एक महिला ने बताया- हमारे पिताजी श्याम बहादुर नहीं मिल रहे हैं। मैं उन्हें ढूंढती हुई हॉस्पिटल आई हूं, लेकिन अभी कुछ पता नहीं चल रहा है। बिहार के रणजीत प्रसाद ने बताया कि इस भगदड़ में हमारे पिता गणेश लापता हो गए हैं। संगम पर पुलिस ने हमें बताया कि हॉस्पिटल में जाकर देखो। मैं हॉस्पिटल आया हूं तो यहां भी पिताजी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।

मध्य प्रदेश के गुना जिले के रमेश ने बताया कि भगदड़ में उनकी पत्नी, बच्ची, बच्चा, दामाद लापता हो गए हैं। संगम पर अचानक पता नहीं क्यों भगदड़ मची, मैं किसी तरह जान बचाकर भागा हूं। ललती नाम की महिला भी संगम घाट पर इस भगदड़ में खो गईं। परिवार वाले ढूंढते खोया-पाया सेंटर पर पहुंचे। मेरे 3 बच्चे नहीं मिल रहे, मोबाइल भी खो गया एक महिला ने बताया- तीन बच्चे लापता हैं। ढूंढ रही हूं, कोई नहीं मिल रहा है। मोबाइल और आधार कार्ड भी खो गए। हमारे साथ का कोई मिल नहीं रहा है।

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लाशों के बीच अपनों की तलाश, जमीन पर तड़पते लोग

महाकुंभ का सबसे बड़ा अमृत स्नान मौनी अमावस्या का होता है। रात के करीब 2 बजे थे। अचानक एक के बाद एक एंबुलेंस की आवाज आने लगीं। भगदड़ की सूचना मिली।महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद लोगों के परिजन उनसे बिछड़ गए हैं। काफी खोजबीन के बाद जब उन्हें अपने नहीं मिले, तो लोग रोते-बिलखते खोया पाया केंद्र में पहुंचे हैं। जहां उन्होंने भगदड़ के वक्त का आंखों देखा हाल बताया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि लगातार ऐंबुलेंस के सायरन की आवाज चारों तरफ से आ रही थी, पुलिस आ गई और सन्नाटा पसरा गया। उस समय केवल पुलिस गाड़ी और एंबुलेंस ही नजर आ रहे थे।

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