क्या सिर्फ दिखावे के लिए ही अफसरों पर निलंबन जैसी कार्रवाई हो रही है? अगर अफसर जांच में दोषी पाए जा रहे हैं तो उन्हें क्यों बहाल किया जा रहा है। अगर उनकी बहाली भी हो रही है तो मलाईदार पोस्टिंग आखिर उनको कैसे मिल रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है। इस नीति के तहत भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी हो रही है लेकिन ये अफसर कुछ दिन बाद बहाल होकर मलाईदार पोस्टिंग पा जा रहे हैं। ऐसे में आखिर सवाल उठता है कि, क्या सिर्फ दिखावे के लिए ही अफसरों पर निलंबन जैसी कार्रवाई हो रही है? अगर अफसर जांच में दोषी पाए जा रहे हैं तो उन्हें क्यों बहाल किया जा रहा है। अगर उनकी बहाली भी हो रही है तो मलाईदार पोस्टिंग आखिर उनको कैसे मिल रही है। यही नहीं, सरकार में मौजूदा समय कई अहम विभागों के प्रमुख सचिवों पर भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं लेकिन उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है। यही नहींं ये अफसर लंब समय से एक ही विभाग के प्रमुख सचिव बने हुए हैं। आज हम उन कुछ नौकरशाहों की बात करेंगे, जिनको निलंबित कर सरकार ने खूब ढिंढोरा पीटा लेकिन अब वो बहाल होकर मालईदार पोस्टिंग पा गए हैं…
IAS अफसर घनश्याम सिंह
लखीमपुर खीरी में तैनाती के दौरान 2014 बैच के आईएएस अफसर घनश्याम सिंह को निलंबित किया गया था। खेत की पैमाइश लटकाए जाने के मामले में उन पर बीते 13 नवंबर को कार्रवाई की गयी थी। अब वह बहाल हो गए हैं। इनके साथ ही निलंबित किए गए पीसीएस अधिकारी अरुण कुमार सिंह, विधेश सिंह और रेनु को भी बहाल कर दिया गया। हालांकि, इन अफसरों को क्यों बहाल किया गया इसके पीछे कुछ स्पष्ट नहीं है।
IAS देवेन्द्र कुमार पांडेय
आईएएस अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय भी खूब चर्चाओं में रहे। योगी सरकार ने उन्नाव में डीएम रहते हुए उनको निलंबित किया गया था। उन पर बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे। हालांकि, अब देवेंद्र कुमार पांडेय बहाल हो चुके हैं। डेढ़ साल बाद निलंबन समाप्त कर सरकार ने सेवा में बहाल किये जाने के साथ ही उनको नियुक्ति विभाग में तैनाती दी गयी थी।
IAS अमरनाथ उपाध्याय
वर्ष 2011 बैच के अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय डीएम महाराजगंज रहते निलंबित किए गए थे। इन पर गो-संरक्षण केंद्रों के बजट में धांधली के आरोप लगे थे। बाद में वह भी बहाल हो गए। इसी प्रकार केदारनाथ सिंह पर्यटन विभाग में रहते हुए निलंबित हुए थे।
IAS अफसर सुनील कुमार वर्मा
सुनील कुमार वर्मा को पद का दुरुपयोग करने व भ्रष्टाचार के आरोप में औरैया के डीएम पद से निलंबित किया गया था। वह भी बहाल हो चुके हैं। सुनील कुमार वर्मा वर्ष 2013 बैच के आईएएस हैं। इनके खिलाफ विजिलेंस की जांच चली। विजिलेंस की कई स्थानों पर छापेमारी हुई। कागजात जब्त किए। हालांकि, बाद में यूपी सरकार ने सुनील कुमार वर्मा का निलंबन समाप्त कर दिया
IAS अधिकारी कुमार प्रशांत
2010 बैच के कुमार प्रशांत को डीएम फतेहपुर रहते सात जून 2018 में निलंबित किया गया था। इन पर सरकारी गेहूं खरीद में धांधली का आरोप था। वह अब बहाल हो चुके हैं।
IAS अनुराग श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप
यूपी मे जल जीवन मिशन के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव पर भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं। उन पर मनमानी कंपनियों को यूपी में जल जीवन मिशन के तहत काम देने, टेंडर में अनियमितता समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं। सबसे अहम ये है कि, अनुराग श्रीवास्तव एक ही विभाग में कई वर्षों से तैनात हैं। प्रदेश में आए दिन जल जीवन मिशन के तहत बनी पानी की टंकियां गिर रही हैं लेकिन विभाग के प्रमुख अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई की जगह उनको प्रमोट किया जा रहा है।
IAS SP गोयल पर भी कई गंभीर आरोप
अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल पर कई गंभीर आरोप लगे। उनके खिलाफ लोकायुक्त से भी शिकायत की गई। इसके बाद बाद भी एसपी गोयल लंबे समय से मुख्यमंत्री के करीबी अफसरों में शुमार हैं। इतनी शिकायतों के बाद भी एसपी गोयल पर वहां से हटाए नहीं गए।