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अगर कोरोना ने अपना स्वरूप बदला तो बच्चों पर बढ़ सकता है खतरा : डॉ. वीके पॉल

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि अगर कोरोना वायरस ने अपना स्वरूप बदला तो बच्चों पर प्रभाव बढ़ सकता है। दो से तीन प्रतिशत बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। डॉ. पॉल देश की नेशनल कोविड टास्क फोर्स के हेड भी हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना के प्रभाव को लेकर सरकार ने लगातार नजर बनाई हुई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने मंगलवार को कहा कि अगर कोरोना वायरस ने अपना स्वरूप बदला तो बच्चों पर प्रभाव बढ़ सकता है। दो से तीन प्रतिशत बच्चों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। डॉ. पॉल देश की नेशनल कोविड टास्क फोर्स के हेड भी हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना के खतरा को लेकर सरकार ने लगातार नजर बनाई हुई है।

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डॉ. पाल ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय बच्चों के लिए दवाओं के डोज पर विचार कर रहा है। इसे लेकर एक एक्सपर्ट ग्रुप बनाया गया है और नए दिशा निर्देश जल्द ही जारी किए जा सकते हैं। उन्होंने चेताया कि कोरोना से रिकवरी के करीब 6 हफ्ते बाद बच्चों में बुखार, शरीर दर्द जैसे कुछ अन्य लक्षण भी सामने आ सकते हैं। इसे मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेशन कहा जाता है।

बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल जारी

साथ ही उन्होंने बताया कि बच्चों पर कोविड वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। कोरोना संक्रमित ज्यादा बच्चे लक्षण विहीन हैं। सामान्य तौर पर उनमें संक्रमण गंभीर नहीं हो रहा है, लेकिन अगर वायरस अपना स्वरूप बदलता है तो स्थितियां अलग हो सकती हैं।

कोविशील्ड के दो डोज के बीच टाइम गैप में कोई अंतर नहीं

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कोविशील्ड के दोनों डोज में समय के फासले को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। कोविशील्ड के पहले डोज के बाद दूसरा डोज 12 हफ्ते बाद ही दिया जाएगा।

वैक्सीन मिक्सिंग के लिए स्टडी की जरूरत, अभी रणनीति में कोई बदलाव नहीं

दो वैक्सीन की मिक्सिंग को लेकर उन्होंने कहा कि इसे लेकर सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष दोनों हैं। इसके लिए स्टडी किए जाने की जरूरत है। हालांकि तब तक देश की वैक्सीनेशन रणनीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

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