अगर जीभ का रंग पीला या काला है तो समझ लीजिए ये कोई गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। आमतौर पर जीभ का रंग हल्का गुलाबी होता है। लेकिन वहीं अगर जीभ का रंग पीला है तो इसकी अनदेखी न करें। ये आपके लिए खतरनाक हो सकता है।
yellow tongue can be harmful: अगर जीभ का रंग पीला या काला है तो समझ लीजिए ये कोई गंभीर रोग का संकेत हो सकता है। आमतौर पर जीभ का रंग हल्का गुलाबी होता है। लेकिन वहीं अगर जीभ का रंग पीला है तो इसकी अनदेखी न करें। ये आपके लिए खतरनाक हो सकता है। कुछ लोगो की जीभ पर परत पीली पड़ जाती है। जीभ पर पीले पीले छोटे छोटे धब्बे दिखाई देने लगते है।
हमारी जीभ के ऊपर परत पपिल्लाए नाम के फूड रिसेप्टर से कवर होती है। ये छोटे छोटे बंप की तरह दिखाई देते है। ऐसे में खाना खाने के बाद खाद्य पदार्थ इनमें फस जाते है और जीभ पर जमा हो जाते हैं। जिसकी वजह से जीभ गंदी औऱ पीली दिखने लगती है। इतना ही नहीं सांसों की बदबू आने लगती है।
हेल्थ वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के अनुसार ज्वाइंडिस की वजह से भी स्किन, जीभ और आंखों का रंग पीला दिखने लगता है। पीलिया में लीवर में सूजन आ जाता है।जिसकी वजह से ढग से काम नहीं करती है। इसी वजह से जीभ अंदरुनी हिस्सों में पीलापन आ जाता है पीलिया सही होने पर इसका पीलापन खुद ही कम हो जाता है।
सलाइवा के प्रोडक्शन में कमी आने से मुंह सूखने की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में मुंह के अंदर बैक्टीरिया का ग्रोथ बढ़ जाता है, जो साइड इफेक्ट के रूप में जीभ पर पीले रंग के पैचेज छोड़ देते है। डायबिटीज, रेडिएशन और कीमोथेरेपी माउथ ड्राइनेस का कारण बन सकती है।
ओरल थ्रस कैंडिडा ईस्ट द्वारा फैलाए जाने वाला एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है। इस स्थिति में जीभ और मुंह के अन्य हिस्सों में ऑफ व्हाइट और पीले रंग के पैचेज नजर आना शुरू हो जाते हैं। साथ ही दर्द और कसाव महसूस होता है और किसी भी खाद्य पदार्थ का टेस्ट महसूस नहीं होता। इस स्थिति को ट्रीट करने में एंटीफंगल मेडिसिन आपकी मदद कर सकती हैं।