पाकिस्तान में एक रिफाइनरी में सऊदी अरब के निवेश के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। इसकी वजह है कि रियाद और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में हाल के दिनों में में गिरावट आई है।
इस्लामाबाद। तंगहाली का जो मंजर पाकिस्तान को वहां के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दिखाया है वो शायद ही किसी ने दिखाया होगा। पाकिस्तान को नया पाकिस्तान बनाने का वादा कर के सत्ता में आये इमरान के राज में देश के अपने पड़ोसी देशों से संबंध भी बिगड़ गये हैं। इसका एक उदाहरण सऊदी के मामले से भी मिला है। कारण कि पाकिस्तान में एक रिफाइनरी में सऊदी अरब के निवेश के भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।
इसकी वजह है कि रियाद और इस्लामाबाद के बीच संबंधों में हाल के दिनों में में गिरावट आई है। पावर और पेट्रोलियम पर प्रधान मंत्री इमरान खान के विशेष सहायक ताबीश गौहर ने कहा है कि सऊदी अरब ग्वादर में रिफाइनरी स्थापित नहीं करेगा, लेकिन बलूचिस्तान के हब में या कराची के पास एक पेट्रोकेमिकल रासायनिक परिसर के साथ एक रिफाइनरी स्थापित करने का संकेत दिया है।
आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि हाल के दिनों में सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच बिगड़ते संबंधों के बीच तेल सुविधा वापस ले ली गई थी। इस समय पाकिस्तान की मदद के लिए चीन के आलावा कोई भी सामने नहीं आ रहा है। इमरान जब सऊदी से लौटे तो लगा की सब कुछ ठीक हो जायेगा लेकिन ऐसा होता कही नजर नहीं आ रहा है।