नई दिल्ली: आज हम आपको भारत में बने एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां बहुत दूर-दूर से महिलाएं सिर्फ सिंदूर लेने के लिए पहुँचती है. आज हम आपको इसके पीछे की असली वजह बताने जा रहे हैं. जिसके बारे में शायद आपने पहले ना सुना होगा और ना पढ़ा होगा. हमारे देश में कई धर्मों के लोग रहते हैं जिसकी वजह से यहां मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च बनाए गए हैं जहां जाकर लोग अपने धर्म के देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. भारत में मौजूद हर मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और चर्च की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हैं. यहां ऐसे भी बहुत से मंदिर बने हुए हैं जिन्होंने अपने अंदर बहुत ग़हरे राज़ सिमटकर रखे हुए हैं.
बता दें कि हम यहां जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वो मंदिर है माँ कामाख्या का मंदिर. इस मंदिर में दूर-दूर से शादीशुदा महिलाएं माँ का आशीर्वाद लेने के लिए आती हैं. आशीर्वाद के रूप में शादीशुदा महिलाओं को सिंदूर दिया जाता है. इस मंदिर में मिलने वाले सिंदूर को बहुत ज्यादा शुभ और पवित्र इसलिए माना जाता है, क्योंकि ये सिंदूर सिर्फ इसी जगह पर मिलता है और ये कोई आम सिंदूर नहीं होता. बता दें कि इस सिंदूर को बहुत से मंत्रों से खास बनाया जाता है.
बता दें कि कामाख्या माता के सिंदूर को वहाँ के स्थानीय भाषा में ”कमिया सिंदूर” के नाम से भी जाना जाता है. इस सिंदूर की खासियत ये है कि ये सिंदूर कामाख्या क्षेत्र में ही मिलता है. कोई भी आम व्यक्ति इस सिंदूर को नहीं पा सकता. इस सिंदूर को वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है जो 108 बार एक मंत्र का जाप कर लेता है. वहीं अगर शादीशुदा महिलाओं की बात की जाए तो शादीशुदा महिलाएं इस सिंदूर का उपयोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए करती है.
जब से इस मंदिर का निर्माण किया गया है उसी दिन से सिंदूर की बहुत ज्यादा महिमा है. बताया जाता है कि जो भी महिला कामाख्या सिंदूर का उपयोग करती है, उसके ऊपर हमेशा कामाख्या देवी की विशेष कृपा बनी रहती है. इसके अलावा जो भी शादीशुदा महिला इस सिंदूर को अपनी मांग में भरती है उसके शादीशुदा जिंदगी में कोई भी परेशानी नहीं आती. इस सिंदूर को लगाने से पति-पत्नी के बीच में प्यार बढ़ता है.
बताया जाता है कि माता कामाख्या के मंदिर में मिलने वाले सिंदूर को चाँदी के 1 डिब्बे में रखना है और फिर इस मंत्र का ‘कामाख्याये वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी! त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते!! ’ 108 बार जाप करना है. इस मंत्र का जाप आपको 7 या 11 शुक्रवार को हाथ में थोड़ा सा सिंदूर लेकर करना है. जिस समय आप इस मंत्र का जाप करें उस समय इस बात का खास ख्याल रखें कि हाथ में थोड़ा सा गंगाजल, चंदन और केसर को मिलाकर माथे पर इससे पहले टीका लगा लें.
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कामाख्या मंदिर में मिलने वाले सिंदूर का बहुत ज्यादा महत्व होता है. बता दें कि इस सिंदूर का इस्तेमाल महिला और पुरुष दोनों ही कर सकते हैं. इस सिंदूर को पुरुष टीके की तरह लगा सकते हैं, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जब कोई भी पुरुष इस सिंदूर का टीका लगाए तो इस मंत्र का जाप जरूर करें.