केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड (Biggest Banking Fraud) के मामले को उजागर किया है। इस मामले में डीएचएफएल के प्रवर्तकों (DHFL Promoters) कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) के खिलाफ नया केस रजिस्टर किया है।
नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अब तक के सबसे बड़े बैंकिंग फ्रॉड (Biggest Banking Fraud) के मामले को उजागर किया है। इस मामले में डीएचएफएल के प्रवर्तकों (DHFL Promoters) कपिल वधावन (Kapil Wadhawan) और धीरज वधावन (Dheeraj Wadhawan) के खिलाफ नया केस रजिस्टर किया है। इस मामले में बैंकों के एक समूह को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया था। बैंकों के इस समूह की अगुवाई यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank Of India) कर रहा था।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की जांच के दायरे में आई अब तक की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई आरोपियों के मुबंई स्थित 12 ठिकानों की तलाशी ले रही है। जांच एजेंसी ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लि.(Dewan Housing Finance Corporation Ltd) के तत्कालीन चेयरमैन और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, निदेशक धीरज वधावन और रियल्टी क्षेत्र की छह कंपनियों को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के साथ कथित तौर पर 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिये आपराधिक साजिश में शामिल होने को लेकर मामला दर्ज किया है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) ने उसकी अगुवाई वाले बैंकों के समूह को 40,623.36 करोड़ रुपये का चूना लगाने के लिए डीएचएफल (DHFL) के पुराने प्रबंधन और प्रवर्तकों के खिलाफ सीबीआई से जांच करने की मांग की थी। 40,623.36 करोड़ रुपये का आंकड़ा 30 जुलाई 2020 के आधार पर था। बैंक ने अपनी शिकायत में ऑडिट फर्म केपीएमजी (KPMG) की जांच के नतीजों का भी जिक्र किया था। केपीएमजी ने पाया था कि उक्त मामले में नियमों व प्रावधानों को ताक पर रखा गया, अकाउंट के साथ छेड़छाड़ की गई, गलत आंकड़े सामने रखे गए। पहले से ही जेल में हैं वधावन बंधु अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने बैंक से 11 फरवरी 2022 को मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई की।
डीएचएफएल (DHFL) के प्रवर्तक कपिल वधावन और धीरज वधावन पहले से ही जेल में हैं। दोनों को यस बैंक (Yes Bank) के साथ फ्रॉड के मामले में सीबीआई (CBI) और ईडी (ED) के केस के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। दोनों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर के साथ मिलकर यस बैंक के साथ फ्रॉड किया। अभी कपूर भी मुंबई के Taloja जेल में कैद हैं। वधावन बंधु कथित भ्रष्टाचार के मामले में फिलहाल सीबीआई जांच के घेरे में हैं। यह बैंक घोटाला कार्पोरेट जगत में अपने समय का सबसे बड़ा घोटाला माना जाता है।