कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इस बीच राजधानी दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) ने एक रिसर्च किया है, जिसमें कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) और हार्ट अटैक (Heart Attack) के जोखिम बढ़ने के बीच कोई संबंध नहीं मिला है।
नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर दुनिया भर में अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इस बीच राजधानी दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) ने एक रिसर्च किया है, जिसमें कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) और हार्ट अटैक (Heart Attack) के जोखिम बढ़ने के बीच कोई संबंध नहीं मिला है। इस स्टडी में कुल 1578 लोगों को शामिल किया गया था। इसमें कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन (Covaxin) दोनों ही तरह के टीकों पर स्टडी की गई है। जिसमें कोरोना टीका (Corona Vaccine) लेने के बाद दिला का दौरा पड़ने के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं।
इस रिसर्च में अगस्त 2021 और अगस्त 2022 के बीच दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) में भर्ती हुए 1578 लोगों के डेटा का इस्तेमाल किया गया। कम से कम 1,086 (68.8 प्रतिशत) को कोरोना के खिलाफ टीका लगाया गया था, जबकि 492 (31.2 प्रतिशत) को टीका नहीं लगाया गया था। टीका लगाने वाले समूह में से 1,047 (96 प्रतिशत) को टीके की दो खुराकें मिलीं, जबकि 39 (4 प्रतिशत) को केवल एक डोज मिली।
जीबी पंत अस्पताल (GB Pant Hospital) के रिसर्च का नेतृत्व करने वाले मोहित गुप्ता ने पीटीआई को बताया कि ‘हमारे अध्ययन में पाया गया कि भारत (India) में इस्तेमाल होने वाले टीके सुरक्षित हैं। भारत (India) में टीकाकरण का दिल के दौरे से कोई संबंध नहीं था। वास्तव में, अध्ययन में पाया गया कि टीका लगाए गए व्यक्तियों में दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत्यु की संभावना कम थी। डॉ. मोहित गुप्ता (Dr. Mohit Gupta) ने यह भी बताया कि कुछ लोगों को टीका की खुराक लेने के बाद प्रतिकूल प्रभाव हुए। इनमें किसी को दर्द को किसी को हल्का बुखार भी आया, लेकिन बहुत लंबे समय तक के लिए यह असरदार नहीं रहा।
रिसर्च के मुताबिक करीब 6 महीने तक विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं को यह भी पता चला कि टीका लगाने वाले लोगों में गैर-टीकाकरण वाले लोगों की तुलना में मृत्यु दर की आशंका कम देखने को मिली है। डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का टीका ना केवल सुरक्षित है। बल्कि अल्पविधि के साथ-साथ सभी कारणों से होने वाली मृत्यु दर में कमी भी लाता है।