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सुनिश्चित किया जाए प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो, समीक्षा बैठक में बोले CM योगी

यूपी सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश के संरक्षण के साथ-साथ उनके चारे-भूसे के लिए भी आवश्यक प्रबंध किया गया है। वर्तमान में संचालित 6,719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थलों में 11.33 लाख$गोवंश संरक्षित हैं। 20 जनवरी से 31 मार्च, 2023 तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने आज एक उच्चस्तरीय बैठक में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थलों के प्रबंधन और प्रदेश में दुग्ध उत्पादन/संग्रह की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत प्रयासरत है। गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन हेतु सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए।

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साथ ही कहा कि, यूपी सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश के संरक्षण के साथ-साथ उनके चारे-भूसे के लिए भी आवश्यक प्रबंध किया गया है। वर्तमान में संचालित 6,719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थलों में 11.33 लाख$गोवंश संरक्षित हैं। 20 जनवरी से 31 मार्च, 2023 तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जनपद संभल, मथुरा, मिर्जापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद में सर्वाधिक गोवंश संरक्षित किए गए हैं। गोवंश संरक्षण के लिए जारी नियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। चरणबद्ध रूप से सभी जनपदों में इसी प्रकार निराश्रित गोवंश का बेहतर प्रबंधन किया जाए। निराश्रित गोवंश स्थलों को चारा-भूसा व अन्य आवश्यक कार्यों हेतु उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि डीबीटी के माध्यम से सीधे गो-आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराई जाए। सुनिश्चित करें कि यह धनराशि गोवंश के लिए है, उसका सदुपयोग हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि, गोवंश को केवल सूखा भूसा ही नहीं, हरा चारा भी दिया जाए। स्थानीय जनता का सहयोग लें। पैसा मिलते ही चोकर/भूसा खरीद का भुगतान कर दिया जाए। हर माह की 25 से 30 तारीख तक गोवंश का सत्यापन करते हुए विकास खंड स्तर पर पशुपालक अधिकारी और एडीओ पंचायत/बीडीओ द्वारा रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजी जाए। इसके बाद, अगले माह की 5 तारीख तक मुख्य पशुपालन अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी द्वारा शासन को रिपोर्ट भेजी जाए।

 

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