Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चल रहा सुरक्षाबलों का अभियान रंग लाने लगा है। सुरक्षाबलों के इस अभियान से घाटी में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। यही नहीं घुसपैठ के मामलों में भी गिरावट आई है। राज्यसभा (Rajya Sabha) में सरकार की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है।
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ चल रहा सुरक्षाबलों का अभियान रंग लाने लगा है। सुरक्षाबलों के इस अभियान से घाटी में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। यही नहीं घुसपैठ के मामलों में भी गिरावट आई है। राज्यसभा (Rajya Sabha) में सरकार की तरफ से इसकी जानकारी दी गई है।
बुधवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक सवाल के जवाब पर केंद्र सरकार (central government) की तरफ से कहा गया कि इस साल अब तक सिर्फ 28 घुसपैठ के मामले दर्ज किए गए हैं, जो बीते साल की तुलना में कम है। गृह मंत्रालय की तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया है कि, 2018 में घुसपैठ के 143 मामले दर्ज किए गए थे।
वहीं, अब 2021 नवंबर तक यह आंकड़ा सिर्फ 28 तक है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय (home Ministry) की तरफ से कहा गया कि साल 2018 में घाटी में आतंकवाद से जुड़े कुल 417 मामले आए थे। इस साल यानी नवंबर 2021 तक के आंकड़ों को देखें तो यह संख्या 244 है।
गृह मंत्रालय (home Ministry) का कहना है कि इस साल यानी अक्टूबर 2021 तक कश्मीर में रहने वाले 115 कश्मीरी पंडितों के परिवार ने अक्टूबर 2021 में जम्मू जाकर बस गए हैं। हालांकि, इनमें से अधिकांश परिवार सरकारी कर्मचारियों के हैं, जिनमें से कुछ सर्दी की छुट्टियों के कारण जम्मू गए हैं।