आषाढ़ माह में माता पार्वती की पूजा आराधना का बहुत महत्व है। इस माह में शिव पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। शिव पूजा में शिव परिवार के सभी सदस्यों की पूजा का विधान है।
jaya parvati vrat 2022 date : आषाढ़ माह में माता पार्वती की पूजा आराधना का बहुत महत्व है। इस माह में शिव पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है। शिव पूजा में शिव परिवार के सभी सदस्यों की पूजा का विधान है। इस माह में विशेष फलित व्रत जया पार्वती व्रत का पालन किया जाता है। आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को जया का पार्वती व्रत रखते हैं। इस साल जया पार्वती व्रत 11 जुलाई दिन सोमवार को है। इस बार यह व्रत इसलिए खास हो गया कि इस दिन सोम प्रदोष व्रत और जया पार्वती व्रत का सुंदर संयोग बन रहा है। पौराणिक मान्यता है कि संतान सुख की कामना के लिए जया पार्वती व्रत विशेष फलदायी है। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से पुत्र प्राप्त होता है और माता पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। यह जया पार्वती व्रत का सबसे बड़ा महात्म है।
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 11 जुलाई दिन सोमवार को दिन 11 बजकर 13 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 12 जुलाई को सुबह 07 बजकर 46 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रातः: 05 बजकर 31 मिनट से प्रात: 07 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
जया पार्वती व्रत का रहस्य भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी को बताया था। इस दिन कुंवारी कन्या और विवाहित महिलाएं बालू या रेत का हाथी बनाकर उस पर 5 तरह के फल फूल और प्रसाद अर्पित करती हैं। जया पार्वती व्रत को करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं। यह व्रत गणगौर, हरतालिका और मंगला गौरी व्रत के समान ही है।