संकट के दौर से गुजर रही देश की सबसे पुरानी निजी एयरलाइंस जेट एयरवेज के लिए राहत की खबर आई है। मंगलवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज को लेकर कलरॉक-जालान कंसोर्टियम योजना को मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली: संकट के दौर से गुजर रही देश की सबसे पुरानी निजी एयरलाइंस जेट एयरवेज के लिए राहत की खबर आई है। मंगलवार को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने जेट एयरवेज को लेकर कलरॉक-जालान कंसोर्टियम योजना को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए अब जेट एयरवेज यात्रियों के साथ दोबारा उड़ान भर सकेगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में मुरारी लाल जालान-कलरॉक कैपिटल गठबंधन ने जेट एयरवेज के लिए बोली जीती थी। जिसके बाद से जेट एयरवेज के दोबारा संचालन की उम्मीद जगी थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MCA) को एयरलाइन को प्लॉट आवंटित करने के लिए 22 जून से 90 दिन का समय दिया गया है. स्लॉट के आवंटन पर अंतिम फैसला नागरिक उड्डयन नियामक करेगा। एनसीएलटी के इस फैसले पर जेट एयरवेज के दिवालिया समाधान पेशेवर (आईआरपी) आशीष छावछरिया ने खुशी जताई है। उन्होंने चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें डीजीसीए द्वारा एनसीएलटी के फैसले को चुनौती देने का कोई कारण नहीं बनता है।
गौरतलब है एक समय 120 प्लेन का बेड़ा रखने वाले और दर्जनों घरेलू व सिंगापुर, लंदन और दुबई जैसे स्थानों पर इंटरनेशनल फ्लाइट संचालित करने वाले जेट एयरवेज को अप्रैल 2019 में अपनी सभी उड़ानें बंद करने को मजबूर होना पड़ा था। प्रतिद्वंद्वी एयरलाइन कंपनियों की फ्लाइट्स की कम कीमत के कारण इसे भारी घाटा उठाना पड़ा था। विमानों का परिचालन रुकने के समय एयरलाइन को वित्तीय और परिचालन लेनदारों को 30 हजार करोड़ रुपये देने थे।