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Jitendra Tyagi लेंगे संन्यास, करेंगे सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार

उत्तर प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन और मुस्लमान से हिन्दू बने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी अब संन्यास लेने जा रहे हैं। बता दें कि हरिद्वार धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत मिलने के बाद त्यागी उर्फ रिजवी मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे थे। यहां उन्होंने निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी से मुलाकात की और संन्यास लेने की इच्छा जताई है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

हरिद्वार। उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन और मुस्लमान से हिन्दू बने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (Wasim Rizvi alias Jitendra Narayan Singh Tyagi) अब संन्यास लेने जा रहे हैं। बता दें कि हरिद्वार धर्मसंसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत मिलने के बाद त्यागी उर्फ रिजवी मंगलवार को हरिद्वार पहुंचे थे। यहां उन्होंने निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी (Mahant Ravindra Puri of Niranjani Akhara) से मुलाकात की और संन्यास लेने की इच्छा जताई है।

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इस मुलाकात की जानकारी देते हुए रवींद्र पुरी (Ravindra Puri ) ने कहा कि ‘जितेंद्र त्यागी अब संन्यास लेकर सनातन धर्म (Sanatan Dharma) का प्रचार-प्रसार करना चाहते हैं। अखाड़े के पदाधिकारी और संत समाज से चर्चा के बाद उनको सन्यास दिलाने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।

शांभवी पीठाधीश्वर (Shambhavi Peethadheeshwar) और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष (President of Shankaracharya Parishad) ने कहा कि वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी (Wasim Rizvi alias Jitendra Narayan Singh Tyagi)  हिंदू बन गए हैं। अब संन्यास लेना चाहते हैं। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने फिर से अपनी इच्छा जाहिर की है कि वह संन्यास लेना चाहते हैं। इसके लिए अखाड़ा परिषद व अखिल भारतीय विद्वत परिषद (Akhara Parishad and All India Academic Council) से सलाह लेनी पड़ेगी कि वह क्या परंपरा होगी जिसके तहत संन्यास दिलवाया जाएगा?

बता दें कि जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी (Wasim Rizvi alias Jitendra Narayan Singh Tyagi)  को हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 17 मई को 3 महीने की सशर्त अंतरिम जमानत मंजूर की थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने अपने आदेश में शर्त रखी कि वे इस जमानत अवधि के दौरान कोई भड़काऊ भाषण नहीं देंगे।इसके बाद कुछ दिन पहले ही वह जिला कारागार से रिहा होकर बाहर आए हैं।

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