हिंदू धर्म (Hindu Religion) में शादी से चिता तक साथ निभाने की बात अक्सर पति-पत्नी के बीच होती है। बीते मंगलवार को शाहबाद के गांव मढ़ैयां तुलसी (Village Madhaiyan Tulsi) में एक यह बात हकीकत बन गई। पत्नी की चिता को मुखाग्नि देने के तुरंत बाद पति ने भी दम तोड़ दिया। सिर्फ डेढ़ घंटे के अंतर से एक ही स्थान पर दो चिताएं एक साथ जलीं।
रामपुर। हिंदू धर्म (Hindu Religion) में शादी से चिता तक साथ निभाने की बात अक्सर पति-पत्नी के बीच होती है। बीते मंगलवार को शाहबाद के गांव मढ़ैयां तुलसी (Village Madhaiyan Tulsi) में एक यह बात हकीकत बन गई। पत्नी की चिता को मुखाग्नि देने के तुरंत बाद पति ने भी दम तोड़ दिया। सिर्फ डेढ़ घंटे के अंतर से एक ही स्थान पर दो चिताएं एक साथ जलीं।
शाहबाद के मढ़ैयां तुलसी गांव (Village Madhaiyan Tulsi) निवासी मेवाराम (61) की पत्नी देवनिया (55) का मंगलवार की सुबह निधन हो गया था। सूचना मिलने पर परिवार और रिश्तेदार एकत्र हो गए। देर शाम परिवार के लोग रामगंगा घाट (Ramganga Ghat) पर अंतिम संस्कार करने के लिए पहुंचे। मेवाराम (Mevaram) को पत्नी की मौत का यकीन ही नहीं हो रहा था।
अंतिम संस्कार की तैयारी पूरी होने के बाद मेवाराम (Mevaram) ने पत्नी के अंतिम दर्शन करने के बाद चिता को मुखाग्नि दी। इसके बाद उनकी आंखों से आंसू छलक आए और बोले…अब मैं तेरे बिना कैसे जी पाऊंगा? इतना कहने के कुछ ही मिनट के बाद मेवाराम (Mevaram) पत्नी की जलती चिता के बराबर में पीछे की तरफ गिर पड़े।
परिजनों ने उन्हें उठाया तो उनकी सांसें रुक चुकी थीं। उनके बेटे रमेश और रामपाल तुरंत उन्हें लेकर सीएचसी (CHC) पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। दोनों बेटों को फिर भी पिता की मौत का यकीन नहीं हुआ और निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां भी डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डेढ़ घंटे बाद पिता की चिता को दी मुखाग्नि
पत्नी के वियोग में रामगंगा घाट (Ramganga Ghat) पर मेवाराम (Mevaram) के दम तोड़ने की घटना हर किसी की जुबां पर रहीं। दोनों के अटूट प्रेम की चर्चा होती रही। पत्नी के वियोग में मेवाराम की मौत के बाद उनके बेटे रमेश और रामपाल बेसुध हो गए। परिजनों ने पत्नी की जलती चिता के बराबर में ही मेवाराम की चिता सजाई और करीब डेढ़ घंटे के बाद बड़े बेटे रमेश ने मुखाग्नि दी।