HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. ख़बरें जरा हटके
  3. कंचन पाठक की कविता ‘आ जाओ एक बार मकां को ख़ुशबू वाले घर कर दो ने’ लूटा सबका

कंचन पाठक की कविता ‘आ जाओ एक बार मकां को ख़ुशबू वाले घर कर दो ने’ लूटा सबका

आ जाओ एक बार मकां को ख़ुशबू वाले घर कर दोरंग बिरंगे चटख गुलाबी तितली वाले पर कर दो.

By आराधना शर्मा 
Updated Date

तितली वाले पर

आ जाओ एक बार मकां को ख़ुशबू वाले घर कर दो
रंग बिरंगे चटख गुलाबी तितली वाले पर कर दो.

पढ़ें :- Viral video: नोएडा में तेज रफ्तार थार गाड़ी ने रास्ते में जो आया उसमें मारी टक्कर, देखें वीडियो

उमड़ रहा है रंग बसंती, निखरी सपनों की गलियां.
डाली डाली लदी सलोनी, आम्र सुवासित मंजरियाँ.
गालों पर पुलकित रंगों ने फिर से प्यास बढाई है.
भीनी भीनी गन्ध हवा ने कलियों तक फैलाई है.
आशा उत्सव कोई मनाए आकर तुम सच गर कर दो.
रंग बिरंगे चटख गुलाबी तितली वाले पर कर दो.

हर हर बह फागुन बयार फूलों की देह झिंझोड़ गयी.
पागल पछुआ छोड़ उसांसें कमल वनों में दौड़ गयी.
इधर पीत वन अमलतास, ठिठका है झंझावातों से.
नींद तड़पती मन्नत धरती, रूठ गयी है रातों से.
छोटे छोटे पंख लगा कर राका एक पहर कर दो.
रंग बिरंगे चटख गुलाबी तितली वाले पर कर दो.

ख्वाबों के बेकाबू धड़कन को हरगिज आराम नहीं.
आग लगाता है टेसू,इसको भी कोई काम नहीं.
भ्रमर गुलाबों से गुपचुप हंस हंस कर बातें करता है.
और रूह के मनुहारों पर, मादक चुम्बन धरता है.
अरमानों के ऋतुमंगल पर वैभव की झालर कर दो.
रंग बिरंगे चटख गुलाबी तितली वाले पर कर दो.

प्रहर नहा श्रृंगार सज़ा कर, नई दमक को साथ लिए
हवा पिया संग छमछम चलती नर्म हाथ में हाथ लिए
पहचानी सी कोई गमक, मन को मानो भरमाती है.
चौपालों से रह रह कर थापें ढ़ोलक की आती हैं.
भरे उजाला फिर बाँहों में, रातों को दुपहर कर दो.
रंग बिरंगे चटख गुलाबी तितली वाले पर कर दो.

पढ़ें :- VIDEO : सिरफिरे युवक ने युवतियों के सामने सड़क पर चलते हुए करने लगा की शर्मनाक हरकत, घटना से लोगों में फैला रोष

 

लेखिका- कंचन पाठक कवियित्री, लेखिका

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...