अगले महीने से उत्तरप्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। 10 फरवरी को पहले चरण का चुनाव पश्चिमी उत्तरप्रदेश के विधानसभाओं में होगा। पिछले कई विधानसभाओं और लोकसभा के चुनावों में लोगो ने देखा है कि बड़ी पार्टिया खासकर भाजपा ने जाति आधारित छोटी पार्टियों से गठबंधन कर के चुनाव लड़ा है।
लखनऊ। अगले महीने से उत्तरप्रदेश में विधानसभा(Uttar Pradesh Election) के चुनाव होने वाले हैं। 10 फरवरी को पहले चरण का चुनाव पश्चिमी उत्तरप्रदेश के विधानसभाओं में होगा। पिछले कई विधानसभाओं और लोकसभा के चुनावों में लोगो ने देखा है कि बड़ी पार्टिया खासकर भाजपा ने जाति आधारित छोटी पार्टियों से गठबंधन कर के चुनाव लड़ा है। सिर्फ लड़ा ही नहीं है चुनावों में प्रचंड जीत हासिल भी की है।
ठीक इसी फार्मूले पर वर्तमान विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी(Samjwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने गठबंधन में बड़ी पार्टियों को महत्व ना देकर दर्जनों छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन में उनके प्रमुख सहयोगी है पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के सहयोगी रहे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर। उन्होंने बताया है कि आखिर क्यों सभी बड़ी पार्टियों को छोटी पार्टियों की जरुरत पड़ रही है।
ये बात जान लेना भी महत्वपूर्ण है कि जो ये छोटी छोटी पार्टियां हैं सभी जाति आधारित पार्टियां हैं। इन पार्टियों के जाति आधारित होने के मुद्दे पर ओमप्रकाश कहते हैं मैं माननीय कांशीराम जी(Kanshiram) का राजनीतिक शिष्य रहा हूं और वो कहा करते थे कि अगर सभी जातियों को सत्ता और समाज में भागीदारी दिलानी हो तो जाति आधारित पार्टियां बननी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘वह कहते थे कि एक दिन ऐसा आएगा जब बड़ी पार्टियां सत्ता के लिए छोटी जाति आधारित पार्टियों के पीछे दौड़ेंगी।
हम अब यह देख रहे हैं।’ बता दें कि उत्तरप्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार(BJP Gov) का इस चुनाव में दो प्रमुख छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन है। पहली है अपना दल एस जिसका पटेल समुदाय के वोटों में अच्छी पकड़ है और दूसरी पार्टी हैं संजय निषाद की पार्टी निषाद पार्टी जिसपर निषाद समुदाय का वोट भाजपा गठबंधन के लिए घर से निकालकर बूथ तक लाने की जिम्मेदारी है।
वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का जिन पार्टियों के साथ गठबंधन है उनमें सुभासपा(SBSP) प्रमुख है। जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर हैं। ओमप्रकाश की पार्टी का राजभर समुदाय में जबरजस्त पकड़ है। जिसका प्रभाव पूर्वांचल के कई जिलों में है। वहीं सपा के साथ नोनिया विरादरी के नेता और जनवादी सोशलिस्ट मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डां संजय चौहान की पार्टी भी गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। महान दल और अपना दल के जैसे कई छोटी पार्टिया समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही हैं।