राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Rajya Sabha MP Kapil Sibal) ने पीएम मोदी ( PM Modi) के 'कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए' वाले बयान पर पलटवार किया है। कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने दावा किया है कि यूपीए (UPA) शासन के दौरान भ्रष्टाचारियों को ज्यादा सजा मिली थी और उन्होंने पीएम से पूछा कि भ्रष्टाचार करने वालों का संरक्षण कौन कर रहा है।
नई दिल्ली। राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Rajya Sabha MP Kapil Sibal) ने पीएम मोदी ( PM Modi) के ‘कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए’ वाले बयान पर पलटवार किया है। कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने दावा किया है कि यूपीए (UPA) शासन के दौरान भ्रष्टाचारियों को ज्यादा सजा मिली थी और उन्होंने पीएम से पूछा कि भ्रष्टाचार करने वालों का संरक्षण कौन कर रहा है।
कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने ट्वीट कर लिखा कि सीबीआई (CBI) से पीएम कहते हैं कि भ्रष्टाचारियों को बख्शें नहीं। सिब्बल ने संसद में जितेंद्र सिंह द्वारा पेश की गई जानकारी का जिक्र करते हुए आगे लिखा कि उन्होंने संसद को बताया था कि 2013 में 1136, 2014 में 993, 2015 में 878 और 2016 में 71 लोगों को भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा यूपीए के दौरान भ्रष्टाचारियों को अधिक सजा मिली। लोग झूठ बोल सकते हैं (Men May Lie) , लेकिन तथ्य झूठ नहीं बोलते। भ्रष्टाचारियों को कौन बचा रहा है?
PM to CBI :
Don’t spare the corruptMarch 2016 :
Jitender Singh told Parliament :2013 : 1136 persons convicted for corruption
2014 : 993
2015 : 878
2016 : 71पढ़ें :- यह भ्रष्टाचार का बेहद ख़तरनाक खेल है...अडानी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने साधा निशाना
Conviction of the corrupt higher during UPA !
Men may lie but facts do not lie
Who is protecting the corrupt ?— Kapil Sibal (@KapilSibal) April 4, 2023
कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए : पीएम मोदी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के हीरक जयंती समारोह में पीएम मोदी ने कहा था कि कोई भी भ्रष्टाचारी बचना नहीं चाहिए। ये देश की इच्छा है, ये देशवासियों की इच्छा है। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं की देश आपके साथ है, कानून आपके साथ है, देश का संविधान आपके साथ है। आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है। आपको कहीं भी हिचकने, कहीं रुकने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि हाल के दिनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर सराकर और विपक्षी दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर बना हुआ है। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही विपक्षी पार्टियां जांच एजेंसियों के इस्तेमाल को लेकर सरकार पर हमलावर है।