Kashi Vishwanath Corridor: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकापर्ण के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। संबोधन खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण करने वाले श्रामिकों के साथ भोजन किया। इससे पहले उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, बनारस वो नगर है जहां से जगद्गुरू शंकराचार्य को श्रीडोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया।
Kashi Vishwanath Corridor: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकापर्ण के बाद पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित किया। संबोधन खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण करने वाले श्रामिकों के साथ भोजन किया। इससे पहले उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, बनारस वो नगर है जहां से जगद्गुरू शंकराचार्य को श्रीडोम राजा की पवित्रता से प्रेरणा मिली, उन्होंने देश को एकता के सूत्र में बांधने का संकल्प लिया। ये वो जगह है जहां भगवान शंकर की प्रेरणा से गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस जैसी अलौकिक रचना की।
उन्होंने कहा कि, यहीं की धरती सारनाथ में भगवान बुद्ध का बोध संसार के लिए प्रकट हुआ। समाजसुधार के लिए कबीरदास जैसे मनीषी यहां प्रकट हुये। समाज को जोड़ने की जरूरत थी तो संत रैदास जी की भक्ति की शक्ति का केंद्र भी ये काशी बनी। पीएम ने कहा कि, काशी अहिंसा,तप की प्रतिमूर्ति चार जैन तीर्थंकरों की धरती है।
राजा हरिश्चंद्र की सत्यनिष्ठा से लेकर वल्लभाचार्य,रमानन्द जी के ज्ञान तक चैतन्य महाप्रभु,समर्थगुरु रामदास से लेकर स्वामी विवेकानंद,मदनमोहन मालवीय तक कितने ही ऋषियों,आचार्यों का संबंध काशी की पवित्र धरती से रहा है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि, मेरे लिए जनता जनार्दन ईश्वर का ही रूप है, हर भारतवासी ईश्वर का ही अंश है, इसलिए मैं कुछ मांगना चाहता हूं। मैं आपसे अपने लिए नहीं, हमारे देश के लिए तीन संकल्प चाहता हूं- स्वच्छता, सृजन और आत्मनिर्भर भारत के लिए निरंतर प्रयास।