केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने विधानसभा के तरफ से पारित विधेयकों को राज्यपाल (Governor)की मंजूरी की समय सीमा तय करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मांग से संबंधित जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी है।
केरल। केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने विधानसभा के तरफ से पारित विधेयकों को राज्यपाल (Governor)की मंजूरी की समय सीमा तय करने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मांग से संबंधित जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी है।
पीआईएल खारिज (PIL Dismissed) करते हुए केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने कहा कि विधेयकों पर राज्यपाल (Governor) कितने समय में फैसला करें। यह समय सीमा तय करने का काम उसका नहीं है। विधायिका यानी विधानसभा या संसद ही इस बारे में कोई कानून या नियम तय कर सकती है।
बता दें कि देश के कई राज्यों में विधानसभाओं द्वारा पारित विधेयक या कानून विभिन्न कारणों से राजभवनों में लंबे समय तक अटके रहते हैं। इन्हें राज्यपाल की मंजूरी (Governor’s Approval) मिलने के बाद ही लागू किया जा सकता है, इसलिए संबंधित राज्य सरकारें परेशानी महसूस करती हैं। उनकी राजभवन (Raj Bhavan) से अक्सर शिकायत रहती है कि पारित विधेयकों को तत्काल मंजूरी नहीं दी जाती है। जिन राज्यों में सरकारों व राज्यपालों के बीच संबंध मधुर नहीं होते या तकरार भरे होते हैं, वहां यह समस्या ज्यादा नजर आती है।
जनहित याचिका (PIL) इसी परेशानी को दूर करने के मांग करते हुए दायर की गई थी। केरल भी ऐसे ही राज्यों में आता है। केरल हाईकोर्ट (Kerala High Court) ने कहा है कि राज्यपाल (Governor) के लिए समय सीमा तय करना हमारा कर्तव्य नहीं है।