हिंदू धर्म में खरमास की बहुत मान्यता है। शास्त्रों के अनुसार खरमास लगते ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बंद हो जाते है।ग्रह नक्ष्त्रों के अनुसार सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को संक्रांति कहा जाता है।
Kharmas 2021 : हिंदू धर्म में खरमास की बहुत मान्यता है। शास्त्रों के अनुसार खरमास लगते ही सभी प्रकार के मांगलिक कार्य बंद हो जाते है।ग्रह नक्षत्र के अनुसार सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को संक्रांति कहा जाता है। वहीं जब सूर्यदेव देवगुरु बृहस्पति की राशि धनु और मीन आते हैं, खरमास लग जाता है। 16 दिसंबर से खरमास शुरू हो गया है और यह 14 जनवरी 2022 को समाप्त होगा। खरमास में स्नान दान और भगवान सूर्य देव को अर्घ्य देना बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है इस माह में भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती।
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, लोगों को सूर्योदय से पहले स्नान करना चाहिए, अर्घ्य (जल) देकर सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। यह भी है कि लोगों को साफ दिल से दान करना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें फायदा हो सकता है। भोजन के साथ-साथ वस्त्र भी दान किए जा सकते हैं। खरमास में गाय की पूजा और गाय की सेवा करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और भविष्य में हर तरह की सफलता मिलती है।
सूर्य को जल चढ़ाएं
सुबह- सुबह उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को तांबे के बर्तन से जल अर्पित करना चाहिए।
सूर्य देव को जल चढ़ाने से पहले चुटकी भर लाल रंंग और लाल फूलों के साथ जल अर्पित करें।
सूर्य देवता को जल अर्पित करते समय 11 बार ओम सूर्याय नम: का जाप करना चाहिए।