बजाज क्यूट जैसे व्हीकल्स को उनकी फ्यूल इकोनॉमी की वजह से ही काफी पसंद किया जाता है। ये एक छोटी सी क्वाड्रिसाइकिल है जिसे कारों की क्ष्रेणी में ही रखा जाता है। हाल ही में साउथ अफ्रीका की ने बजाज क्यूट और एक साइकिल के बीच रेस आयोजित कराई जिसके नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे।
बजाज क्यूट को कार तो नहीं कहा जा सकता है मगर ये एक छोटी सी क्वाड्रिसाइकिल है जिसे कारों की क्ष्रेणी में ही रखा जाता है। भारत में बजाज क्यूट का बीएस6 मॉडल अभी लॉन्च नहीं हुआ है। हाल ही में साउथ अफ्रीका की ने बजाज क्यूट और एक साइकिल के बीच रेस आयोजित कराई जिसके नतीजे काफी चौंकाने वाले रहे।
बजाज क्यूट जैसे व्हीकल्स को उनकी फ्यूल इकोनॉमी की वजह से ही काफी पसंद किया जाता है। बता दें कि क्यूट में दिया गया 216 सीसी इंजन सीएनजी मोड पर 11 पीएस की पावर और 16.1 एनएम का टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है। वहीं ये पेट्रोल मोड पर करीब 13 पीएस की पावर और 18.9 एनएम का टॉर्क जनरेट करता है। हालांकि रेस के समय क्यूट में चार लोग सवार थे ताकि एक साइकिल और कार के बीच का संतुलन थोड़ा बहुत बना रहे। रेस शुरू होते ही क्यूट को 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार हासिल करने में 7.20 सेकंड का समय लगा जबकि 70 किलोमीटर प्रति किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड हासिल करने में इसे 34 सेकंड ज्यादा लगे। इसके मुकाबले एश्ले की इटैलियन बाय साइकिल जो कि उस समय टॉप गियर पर थी उसे कार्बन फ्रेम से तैयार किया गया है। ऐसे में इसका पावर 2 वेट रेशो काफी अच्छा है जिससे रेस शुरू होते ही इसने काफी अच्छी स्पीड पकड़ ली।
बजाज क्यूट क्वाड्रिसाइकिल सेगमेंट की छोटी सी कार को ऑटो रिक्शा से अच्छा कहा जा सकता है जिसमें बैठे पैसेंजर्स को कंफर्टेबल राइड तो मिलती ही है साथ ही में ये उन्हें बारिश,धूप आदि से भी बचा सकता बजाज क्यूट में यदि कोई भी सवार नहीं हो तो इसका वजन 400 किलोग्राम मापा गया है। वहीं इसमें यदि वजनदार कपड़े पहने हुए हट्टे कट्टे 4 पैसेंजर सवार हो जाए तो इसका वजन दोगुना हो जाता है। इस तरह पूरी तरह से पैसेंजर लोडेड होने के बाद बजाज क्यूट इस रेस में बाय साइकिल से पीछे छूटते हुए देखी जा सकती है। तो उसके बाद इसे रेस में साइक्लिस्ट एश्ले को काफी पीछे छोड़ते हुए देखा जा सकता है।
वैसे बता दें कि ये रेस महज एक मनोरंजन से ज्यादा और कुछ भी नहीं थी और इसके आधार पर हम क्यूट की क्षमता को आंक नहीं सकते हैं।