जीवन में मानव के साथ पशु पक्षी भी निवास करते है। सनातन धर्म में पशु पक्षियों को भी धार्मिक मान्यताओं से जोड़ा गया है। पौराणिक कथाओं में पशु पक्षियों को देवी देवताओं के वाहन के रूप में बताया गया है।
Kutte Ka Rona : जीवन में मानव के साथ पशु पक्षी भी निवास करते है। सनातन धर्म में पशु पक्षियों को भी धार्मिक मान्यताओं से जोड़ा गया है। पौराणिक कथाओं में पशु पक्षियों को देवी देवताओं के वाहन के रूप में बताया गया है। पौराणिक ग्रंथों में कुत्ते को हिन्दू देवता भैरव महाराज का सेवक माना जाता है। कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और हर तरह के आकस्मिक संकटों से वे भक्त की रक्षा करते हैं। मानव के सबसे निकट रह का जीवन व्यतीत करने वाला जानवर कुत्ता है। कुत्ते के रोने को लेकर तरह तरह की भ्रांतिया फैली हुई है। कुछ लोग कुत्ते के रोने को अशुभ मानते है। आइये जानते है कुत्ते के शुभ अशुभ के बारे में ।
कुत्ते के रोने का शुभ संकेत
1.कुछ लोग यह मानते हैं कि अगर कुत्ता रात को रोता है, तो यह भगवान भैरव या गांव के रक्षक देवता की निशानी होती है। भारतीय परंपरागत अनुष्ठानों में कुत्तों को भगवान भैरव का अवतार या गांव के रक्षक देवता के रूप में सम्मानित किया जाता है, इसलिए उन्हें नकारात्मक संकेत के रूप में नहीं देखा जाता है।
2.शकुन शास्त्र के मुताबिक कुत्ता अगर किसी के घर के सामने रोए तो यह उस घर पर कोई मुसीबत आने का संकेत है। इसे भयानक या खराब समय का संकेत माना जाता है और इसका मतलब होता है कि कुछ बुरा होने वाला है या घर में खुशियां कम होने वाली हैं।
3.मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से वह आपके आसपास यमदूत को भी नहीं फटकने देता है। कुत्ते को देखकर हर तरह की आत्माएं दूर भागने लगती हैं।