ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ हिंदूओं के प्रमुख देवता है। इनके प्रति जनमानस में अगाध श्रद्धा का भाव है। भगवान जगन्नाथ की याद में हर वर्ष् यात्रा निकाली जाती है।
Lord Jagannath Rath Yatra 2022 : ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ हिंदूओं के प्रमुख देवता है। इनके प्रति जनमानस में अगाध श्रद्धा का भाव है। भगवान जगन्नाथ की याद में हर वर्ष् यात्रा निकाली जाती है। इन्हें विष्णु का अवतार माना जाता है। प्रत्येक वर्ष निकलने वाली रथयात्रा में पूरी दुनिया से लाखों श्रद्धालु भगवान का दर्शन करने आते है। भगवान जगन्नाथ के याद में निकाली जाने वाली ‘जगन्नाथ रथ यात्रा’ का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं। जगन्नाथ मंदिर हिन्दुओं के चार धाम में से एक है। यह वैष्णव सम्प्रदाय का मंदिर है, जो भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण को समर्पित है। जगन्नाथ शब्द का अर्थ ‘जगत के स्वामी’ होता है। इसलिए पुरी नगरी ‘जगन्नाथपुरी’ कहलाती है।
इस साल यानी की 2022 में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा 01 जुलाई 2022, दिन शुक्रवार को आयोजित की जायेगी। हर साल आषाढ़ माह की शुक्लपक्ष की द्वितीया तिथि को रथयात्रा आरम्भ होती है और शुक्ल पक्ष के 11 वें दिन समाप्त होती है।
रथयात्रा में सबसे आगे बलरामजी का रथ, उसके बाद बीच में देवी सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ श्रीकृष्ण का रथ होता है। तीनों के रथ को खींचकर मौसी के घर यानी कि गुंडीचा मंदिर लाया जाता है जो कि जगन्नाथ मंदिर से करीब तीन किलोमीटर दूर है। लौटती यात्रा को बहुदा यात्रा या घुरती रथ यात्रा कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस यात्रा में शामिल होने मात्र से ही श्री विष्णु की परम कृपा की प्राप्ति हो जाती है। मनुष्य को श्री विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है और उसका यह मनुष्य जीवन सफल हो जाता।