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लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति पर लूटा ने लगाया गंभीर आरोप, राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार दिलाने के लिए आनन-फानन में बदली सूची

लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय (Lucknow University Vice Chancellor Prof. Alok Kumar Rai) ने अपने चहेतों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार दिलाने के लिए आनन-फानन में शिक्षकों की बदली सूची। जिलाधिकारी के तरफ से भेजे गए शिक्षकों के नामों को हटाकर अपने चहेतों का नाम शामिल किया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय (Lucknow University Vice Chancellor Prof. Alok Kumar Rai) ने अपने चहेतों को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार दिलाने के लिए आनन-फानन में शिक्षकों की बदली सूची। जिलाधिकारी के तरफ से भेजे गए शिक्षकों के नामों को हटाकर अपने चहेतों का नाम शामिल किया।

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लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (Lucknow University Teachers Association) ने शुक्रवार को कुलपति प्रो. आलोक राय (Prof. Alok Kumar Rai)को पत्र लिखकर आगामी 12 फरवरी को लोक भवन में हो रहे नागरिक नागरिक अभिनंदन समारोह कार्यक्रम के संबंध में जिलाअधिकारी कार्यालय, लखनऊ के बीते 7 फरवरी 2023, संख्या 969 / मुंसिफ / 2023 द्वारा निर्गत अति महत्वपूर्ण पत्र की ओर आकर्षित करना चाहते हैं।

पत्र के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) के द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय के 21 शिक्षकों को उक्त कार्यक्रम में सम्मानित किया जाना था। पत्र में उल्लेखित शिक्षकों के सत्यापन के लिए विभागों में पत्र भी भेजे जा चुके थे। विभिन्न दैनिक समाचार पत्रों में उक्त शिक्षकों के नाम भी प्रकाशित हो चुके है। किंतु 11 फरवरी 2023 को उक्त शिक्षकों में से कई शिक्षकों को यह ज्ञात हुआ की जिलाधिकारी कार्यालय से निर्गत सूची में बदलाव किया जा चुका है, जिसमें अधिकतर शिक्षकों के नाम विलोपित किए जा चुके है। जिन शिक्षकों के नाम विलोपित हुए हैं उन शिक्षकों ने से इस पर आपत्ति जाहिर की है। इस प्रकार की कार्रवाई शिक्षकों के लिए अपमानजनक है।

शिक्षक संघ ने कहा​ कि शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए। जिलाधिकारी कार्यालय की सूची में नए शिक्षकों के नाम जोड़ने में शिक्षक संघ को कोई आपत्ति नहीं है किंतु बिना किसी आधार के शिक्षकों के नाम विलोपित करना उचित नहीं है। राष्ट्रपति के अति महत्वपूर्ण कार्यक्रम के लिए शिक्षकों के चयन में लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस प्रकार की लापरवाही अपेक्षित नहीं है। कृपया समय रहते उचित कार्रवाई करने का कष्ट करें।

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