History Created : प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन (PM Modi Birthday) 17 सितंबर को देश भर में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आज का दिन देश और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लिए इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। क्योंकि 70 साल बाद नामीबिया से भारत पहुंचे 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno Century Park ) में प्रधानमंत्री मोदी ने छोड़ा है।
History Created : प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिन (PM Modi Birthday) 17 सितंबर को देश भर में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आज का दिन देश और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के लिए इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। क्योंकि 70 साल बाद नामीबिया से भारत पहुंचे 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क (Kuno Century Park ) में प्रधानमंत्री मोदी ने छोड़ा है। कूनों के क्वारंटाइन बाड़े में तीन नर और पांच मादा चीतों को छोड़ा है। इसके साथ ही चीतों को छोड़ते हुए पीएम मोदी ने खुद कैमरे में कैप्चर किया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है।
History Created : मध्य प्रदेश के कूनो सेंचुरी पार्क में पीएम मोदी ने चीतों का कराया 'गृहप्रवेश', देखें वीडियो pic.twitter.com/IkJTrY9Vy9
— santosh singh (@SantoshGaharwar) September 17, 2022
इससे पहले ग्वालियर में चीतों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ, जिसमें सभी फिट पाए गए। फिर उन्हें हेलिकॉप्टर से कुनो अभयारण्य लाया गया, जहां श्योपुर के कूनो सेंचुरी पार्क (Kuno Century Park ) में पीएम मोदी (PM Modi ) आजाद किया है। 75 साल पहले वर्ष 1947 में देश में आखिरी बार चीता देखा गया था।
वहीं चीतों की भूख मिटाने के लिए कूनो नेशनल पार्क (Kuno Century Park ) में करीब 181 चीतल छोड़े गए हैं। ये चीतल प्रदेश के राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ स्थित चिड़ीखो अभयारण्य से लाए गए हैं। और 17 सितंबर को चीते भी कूनो नेशनल पार्क (Kuno Century Park ) में लाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) के द्वारा इन चीतों को यहां बाड़े में छोड़ा जाएगा। इन 8 चीतों में साढ़े पांच साल के 2 नर, एक साढ़े 4 साल का नर, ढाई साल की 1 मादा, 4 साल की 1 मादा, दो साल की 1 मादा और 5 साल की 2 मादा भी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक कि चिड़ीखो अभयारण्य में चीतल और हिरणों की तादाद बहुत ज्यादा है। इस कारण यहां से 181 चीतल कूनो लाए गए हैं। जानकारों की माने तो चीतल को चीते का पसंदीदा शिकार बताया जाता है। और इसलिए अब चीते अब इन्हीं चीतलों का शिकार करेंगे और अपनी तादाद बढ़ा सकेंगे। बताया जा रहा है कि अब कूनो के बाद अगला पड़ाव गांधीसागर के पास तैयार किया जा रहा है। और यहां पर भी तैयारी की जा चुकी है। जिसमें नरसिंहगढ़ से 500 चीतल भेजे गए थे।
चीतों को देखने के लिए कूनो में देश-विदेश के पर्यटकों का भारी संख्या में आना तय है। पर्यटकों को ठहराने के लिए स्थान और घुमाने वाले गाइडों की जरूरत पहले से महसूस होने लगी है। इसीलिए स्थानीय प्रशासन ने 50 आदिवासियों के घरों को ग्रामीण होम स्टे बनाने का फैसला लिया है। साथ ही 30 आदिवासी महिलाओं को टूरिस्ट गाइड भी बनाया गया है।