हिंदू पंचांग के अनुसार माघ का महीना बड़ा पवित्र होता है। हिंदू धार्म में कल्पवास के दौरान साधक(कल्पवास का संकल्प लेने वाले लोग) संगम के तट पर पूरे एक माह के लिए निवास करते हैं और भगवान शिव की पूजा-वंदना करते हैं।
Magh Kalpwas 2024 : हिंदू पंचांग के अनुसार माघ का महीना बड़ा पवित्र होता है। हिंदू धार्म में कल्पवास के दौरान साधक(कल्पवास का संकल्प लेने वाले लोग) संगम के तट पर पूरे एक माह के लिए निवास करते हैं और भगवान शिव की पूजा-वंदना करते हैं। कल्पवास वेदकालीन अरण्य संस्कृति की देन है। कल्पवास का विधान हज़ारों वर्षों से चला आ रहा है। ऋषियों ने गृहस्थों के लिए कल्पवास का विधान रखा। उनके अनुसार इस दौरान गृहस्थों को अल्पकाल के लिए शिक्षा और दीक्षा दी जाती थी। इस दौरान जो भी गृहस्थ कल्पवास का संकल्प लेकर आया है वह पर्णकुटी में रहता है। इस दौरान दिन में एक ही बार भोजन किया जाता है तथा मानसिक रूप से धैर्य, अहिंसा और भक्ति भावपूर्ण रहा जाता है। पद्म पुराण में इसका उल्लेख है। कल्पवास का उद्देश्य चेतना की शुद्धि और उसका आत्म साक्षात्कार करना होता है। इसी के साथ जानिए ये कल्पवास कब से प्रारंभ होने जा रहा है और इस दौरान किन बातों का ध्यान रखना होता है।
कब से शुरू हो रहा कल्पवास
माघ माह का कल्पवास इस बार 25 जनवरी 2024 को पौष पूर्णिमा वाले दिन से प्रयागराज में प्रारंभ होने जा रहा है। यह कल्पवास पूरे एक माह तक चलेगा। इस दौरान साधु-संत और आस्थावान लोग संगम के तट पर कुटिया बना कर तपस्वी की तरह रहते हैं और सांसारिक सुखों को कल्पवास के दौरान त्याग देते हैं। साधारण व्यक्ति भी कल्पवास कर सकते हैं। इनके कल्पवास करने का उद्देश्य जीवन में सुख-शांति को प्राप्त करना होता है। कल्पवास का नियम पूर्वक पालन करना चाहिए। कल्पवास के दौरान सत्य वचन बोलना, इन्द्रियों पर नियंत्रण रखना, प्राणियों के प्रति दया की भावना, कठोर ब्रह्मचर्य का नियम, ब्रह्म मुहूर्त में जागना और स्नान करना आदि चीजों का पालन करना होता है।