सनातन धर्म में पूर्णिमा को विशेष तिथि माना जाता है। पौराणिक ग्रथों में वर्णित है कि माघ मास की पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान, विष्णु की पूजा और दान-पुण्य करने से अनंत पुण्य का लाभ मिलता है।
माघ पूर्णिमा 12 फरवरी 2025 बुधवार को है। इस दिन कुंभ संक्रांति और गुरु रविदास जयंती भी है। इसी दिन महाकुंभ का चौथा अमृत स्नान किया जाएगा।
पूर्णिमा के दिन सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल के प्रभाव से समुद्र में ऊंचे ऊंचे ज्वार आते हैं। इसके अलावा यह दिन सकारात्मक ऊर्जा और आत्मिक शांति प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाना है।
ज्योतिष उपायों के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन अगर आप चंद्रमा को अर्घ्य दे रहे हैं, तो चांदी या तांबे के लोटे में दूध, सफेद फूल, अक्षत, दही, सफेद चंदन मिलाकर अर्घ्य दें। इससे चंद्र दोष (चंद्र दोष उपाय) से छुटकारा मिल सकता है और सुख-शांति की भी प्राप्ति हो सकती है। माघी पूर्णिमा के दिन श्रीहरि के पूजन, पितृ श्राद्ध, निर्धन को दान देने से सुख-सौभाग्य, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है।