देवाधिदेव महादेव व माता पार्वती के विवाह का पावन उत्सव महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को त्रिग्रही योग में मनाया जाएगा।
Maha Shivratri 2025 : देवाधिदेव महादेव व माता पार्वती के विवाह का पावन उत्सव महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी, बुधवार को त्रिग्रही योग में मनाया जाएगा। त्रिग्रही योग इससे पहले 60 वर्ष पूर्व मनाया गया था। भगवान शिव और माता पार्वती प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त विभिन्न अवसरों पर विशेष विधि से उनकी पूजा अर्चना करते है। देवाधिदेव महादेव व माता पार्वती के विवाह के पावन उत्सव महाशिवरात्रि पर्व पर भक्त गण व्रत , साधाना ,शिवलिंग पर जलाभिषेक और नाच गा कर शिव परिवार को प्रसन्न करते है। पौराणिक मान्यता के अनुसार,महाशिवरात्रि के दिन दिन महादेव अपने भक्तों पर कृपा बरसाते है।
इसी प्रकार पौराणिक ग्रथों में वर्णित है कि महाशिवरात्रि पर पूरे मनोभाव से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करने से मनवांक्षित फल की प्रप्ति होती है। देवों के देव महादेव को जगत का पालनकर्ता कहा जाता है जिन्हें खुश करना सबसे आसान है। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर बेलपत्र और शमी चढ़ाने से महादेव प्रसन्न होते हैं। शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करना भी शुभ होता है। इससे शनि की क्रूर दृष्टि से छुटकारा मिलता है। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गंगाजल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी 2025, बुधवार को त्रिग्रही योग में मनाया जाएगा। त्रिग्रही योग इससे पहले 60 वर्ष पूर्व मनाया गया था। सूर्य, बुध व शनि की युति कुंभ राशि में बनेगी।
त्रिग्रही योग
महाशिवरात्रि 26 फरवरी को बुधवार के दिन श्रवण उपरांत धनिष्ठा नक्षत्र, परिघ योग, वणिज उपरांत शकुनीकरण योग बन रहे हैं। इस दौरान भगवान शिव को प्रसन्न करने के उत्तम उपाय करने फलदाक है।
महाशिवरात्रि के उपाय
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के समय ऊं नमः शिवाय का लगातार जाप करें। शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा अर्पित करें । इसके बाद शिवलिंग के सामने एक घी का दीपक जलाएं और महादेव की विधि-विधान से आरती करें।
महाशिवरात्रि के दिन दूध में कच्चे चावल और धागे वाली मिश्री मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव से प्रार्थना करें कि आपका स्वास्थ्य सदैव उत्तम रहे।
आर्थिक संकट से उबरने के लिए
अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और गुड़) से शिवलिंग का अभिषेक करें और 11 बिल्वपत्र अर्पण करें। शिवरात्रि की रात को शिवलिंग पर चढ़ाए गए फूल अपनी तिजोरी में रखें।