उत्साह, उमंग, धूम का त्योहार होली हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। होली के आठ दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत होती है।
कब शुरू हो रहे हैं होलाष्टक?
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन होलाष्टक शुरू होते हैं। पंचांग के अनुसार इस साल होलाष्टक 7 मार्च 2025, शुक्रवार को लगेंगे और 13 मार्च को समाप्त होंगे। होली से पहले आने वाले यह 8 दिन अशुभ माने जाते हैं।
होलाष्टक में आठ ग्रह उग्र हो जाते हैं
होलाष्टक में आठ ग्रह उग्र हो जाते हैं, इसलिए शुभ काम नहीं होते। यह होलाष्टक अष्टमी से पूर्णिमा तक रहता है। प्र्त्येक दिन एक ग्रह उग्र रहता है। इस उग्रता से शुभ कामों पर नकारात्मक असर पड़ता है। इसके प्रभाव से जीवन में कई प्रकार की समस्याएं भी आ सकती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र होते हैं, इसलिए होलाष्टक के 8 दिनों में शुभ काम नहीं किए जाते।
शुभ कार्यों की मनाही
होलाष्टक में भले ही शुभ कार्यों के करने की मनाही है लेकिन देवताओं की पूजा अर्चना कर सकते हैं।
ध्यान और पूजा-पाठ के लिए अच्छा समय
इस दौरान शादियां, गृह प्रवेश, सगाई, मुंडन या कोई शुभ काम नहीं होते लेकिन ध्यान और पूजा-पाठ के लिए यह समय बहुत अच्छा माना जाता है। होलाष्टक के दौरान विष्णु जी और नरसिंह भगवान की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है।