माघी पूर्णिमा के संबंध में ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है इस तिथि पर स्वयं साक्षात भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की उपासना की जाती है।
Magh Purnima 2025 : माघी पूर्णिमा के संबंध में ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है इस तिथि पर स्वयं साक्षात भगवान विष्णु गंगा जल में निवास करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार,माघ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और हनुमान जी की उपासना की जाती है। साथ ही, इस दिन सच्चे मन से पूजा करने से भी भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। माघ महीने में पड़ने वाली पूर्णिमा को माघी या माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्तगण पवित्र नदियों में स्नान और दान करके पुण्य कमाते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2025 में 11 फरवरी की शाम 6 बजकर 55 मिनट से शुरू होगी और यह 12 फरवरी की शाम 7 बजकर 22 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार इस बार माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी को रखा जाएगा।
मंत्र का जप करना चाहिए
माघ पूर्णिमा पर हनुमान जी की उपासना में हनुमान जी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए। हनुमान जी के सामने धूप-दीप जलाना चाहिए और हार-फूल चढ़ाना चाहिए।
मिठाई का भोग लगाना चाहिए। हनुमान जी के मंत्र ऊँ रामदूताय नम: का जप करना चाहिए।
दूध-चांदी का दान
माघ पूर्णिमा के दिन दूध या चांदी का दान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन दूध और चांदी का दान करने से चंद्र दोष का सामना करना पड़ता है, जिससे व्यक्ति की आर्थिक स्थिति प्रभावित होती है।
तामसिक भोजन से बचें
माघ पूर्णिमा के दिन प्याज, लहसुन, मांस और शराब का सेवन भूलकर भी न करें। इससे देवता नाराज होते हैं और व्यक्ति के मान-सम्मान में कमी आती है।