खगोल की सबसे अद्भुत घटना ग्रहण को माना जाती है। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
Partial solar eclipse 2025 : खगोल की सबसे अद्भुत घटना ग्रहण को माना जाती है। ज्योतिष विज्ञान में सूर्य ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि ग्रहण का प्रभाव जीव जगत और वनस्पतियों पर भी पड़ता है। वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। हालांकि, यह ग्रहण पूर्ण नहीं, बल्कि आंशिक होगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण होने वाले प्रभावों के बारे विस्तार से बताया गया है।
आंशिक सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि 29 मार्च को लगने वाले सूर्य ग्रहण को 94 फीसदी सूर्य ही चंद्रमा को ढक देगा। यह यूटीसी टाइम 8 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक देखा जा सकेगा। वहीं, भारतीय समयानुसार यह आंशिक सूर्य ग्रहण 2 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6 बजकर 16 मिनट पर समाप्त।
उत्तरी रूस में दिखाई देगा
29 मार्च, 2025 को होने वाला सूर्य ग्रहण आंशिक ग्रहण होगा, जो उत्तर-पूर्वी उत्तरी अमेरिका, यूरोप, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी रूस में दिखाई देगा। आप जितना उत्तर-पश्चिम में होंगे, सूर्य का उतना ही बड़ा हिस्सा अस्पष्ट होगा।
सूतक काल
बता दें कि सूर्य ग्रहण से ठीक 10 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और इस दौरान में कई प्रकार के नियम और पाबंदियों का पालन किया जाता है। सूतक काल को अशुभ समय की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए इस दौरान पूजा-पाठ पर रोक लग जाती है और मंदिरो के कपाट बंद हो जाते है। लेकिन साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा। ऐसे में सूतक काल मान्य नहीं होगा।