शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए शिव के जीवन से ही सीखना जरूरी है। शिव त्याग, तपस्या, समर्पण का संदेश देते है। शिव के चरित्र को जीवन उतार कर ही शिव की कृपा पाई जा सकती है।
Maha Shivratri 2022 : शिव की कृपा प्राप्त करने के शिव के जीवन से ही सीखना जरूरी है। शिव त्याग, तपस्या, समर्पण का संदेश देते है। शिव के चरित्र को जीवन उतार कर ही शिव की कृपा पाईजा सकती है। भगवान शिव समस्त ग्रहों, तंत्र-मंत्र और ज्योतिष के जनक हैं। महाशिवरात्रि नौ ग्रहों को अनुकूल बनाने का सबसे प्रमुख दिन है। इस दिन शिव पूजन के साथ नवग्रह पूजन करने से ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।
महाशिवरात्रि के दिन नौ ग्रहों को अपने अनुकूल बनाने के लिए मध्य रात्रि में नवग्रह कवच के 21 पाठ अवश्य करने चाहिए। इससे नवग्रहों की कृपा प्राप्त होती है और उनकी पीड़ा परेशान नहीं करती। यहां दिया जा रहा नवग्रह कवच यामल तंत्र में वर्णित है। इसका श्रद्धापूर्वक पाठ करने तथा ताबीज में भरकर भुजा में धारण करने से लाभ प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त
1 – महाशिवरात्रि आरंभ तिथि – 1 मार्च, 3.16 मिनट (सुबह)
2 – महाशिवरात्रि समापन तिथि – 2 मार्च, 10.00 (सुबह)
इन मंत्रों से करें भगवान शिव की पूजा
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥