HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Maha Shivratri 2022: एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाकर करें भोलेनाथ की पूजा, महाशिवरात्रि के दिन मनाएं उत्सव

Maha Shivratri 2022: एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाकर करें भोलेनाथ की पूजा, महाशिवरात्रि के दिन मनाएं उत्सव

सनातनधर्म में शिव परिवार की उपासना के लिए महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ भोलेनाथ् और उनके परिकरों की पूजा अर्चना करते है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Maha Shivratri 2022 : सनातनधर्म में शिव परिवार की उपासना के लिए महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस श्रद्धालु पूरे उत्साह के साथ भोलेनाथ् और उनके परिकरों की पूजा अर्चना करते है। इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन महादेव और मां गौरी का विवाह संपन्न हुआ था। महाशिवरात्रि के मौके पर देश भर के शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि के अवसर पर 12 ज्योर्तिलिंग के दर्शन करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे दिल से शिवशंकर की उपासना करता है उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।

पढ़ें :- Vivah Panchami 2024 : विवाह पंचमी के दिन करें ये काम , जानें तिथि और शुभ मुहूर्त

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने निराजल रह कर कठोर तपस्या की थी। इस दौरान मां गौरी शिवलिंग पर एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाकर भोलेनाथ की अराधना करती थीं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने ही सबसे पहली बार शिवजी के चरणों में बेलपत्र अर्पित किया था। कहते हैं कि जो भी भक्त केवल जल और बेलपत्र से भी महादेव की पूजा करता है उसका जीवन सुखमय हो जाता है।

महाशिवरात्रि के दिन पढ़ें ये  मंत्र

1. शिव मोला मंत्र

ॐ नमः शिवाय॥

पढ़ें :- Darsh Amavasya 2024 : दर्श अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए करें पूजा , जानें महत्व और पूजा विधि

2. महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...